डिंडोरीPublished: Nov 04, 2023 02:38:21 pm
shubham singh
यहां के ग्रामीणों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा लोकतंत्र का महापर्व
डिंडौरी/बजाग. तहसील मुख्यालय से करीब बीस किमी. की दूरी जंगलों कि बीच बसा बैगाचक ग्राम के मतदाताओं को मतदान करने के लिए 10 किमी. का सफर तय करना होगा। यहां करीब 400 मतदाता हैं। इस बार भी विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करने ग्रामणों को 10 से 12 किमी. की दूरी तय कर दूसरे गांव स्थित पोलिंग बूथ में मतदान करने जाना पड़ेगा। इसी गांव के दिव्यांग, बुजुर्ग या बीमार मतादाताओं के लिए लोकतंत्र का महापर्व का अवसर किसी चुनौती से कम नहीं हैं। शासन प्रशासन ने नवाचार का प्रयोग कर जिले के गांव-गांव में मतदाताओं से मतदान करने की अपील कर रही है, साथ ही जिले में शत प्रतिशत मतदान हो इसके लिए भी भरसक प्रयास जारी है। बैगा बाहुल्य क्षेत्र के दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में प्रशासनिक अमला लोगों के बीच पहुंचकर मतदान के लिए प्रेरित कर रहा हैं इसके लिए रोजाना कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। यहां की बिडंबना यह है की प्रशासन के द्वारा वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने की तमाम कवायदों के बीच बैगांचल के ग्राम शीतलपानी के मतदाताओं की परेशानी को नजरअंदाज कर दिया। पूरा प्रशासन मतदान की अलख जगाने लगा रहा, लेकिन किसी प्रशासनिक अधिकारी या राजनीतिक दलों ने मतदाताओं को होने वाली परेशानियों पर गौर नहीं किया। ग्राम पंचायत खम्हेरा के पोलिंग बूथ क्रमांक 195 में वर्तमान समय में महिला एवं पुरुषों की संख्या 948 है। इसमें अकेले ग्राम शीतलपानी में लगभग 400 मतदाता हैं। पुरुषों की अपेक्षा इधर महिला मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि मतदान केन्द्र से गांव की दूरी 10 किमी. व इसी ग्राम का एक टोला और है जिसकी दूरी लगभग 12 किमी है। युवा वोटर मोहन सिंह धुर्वे, रामकुमार खैरवार, चरण सिंह ने बताया की नवजवान मतदाता तो आसानी से इस दूरी को तय कर लेंगे। साथ ही जिनके पास स्वयं का साधन है वो लोग भी मतदान केंद्र समय पर पहुंच जाएंगे, लेकिन जिन ग्रामीणों के पास साधन नहीं है उन्हें पैदल ही जाना होगा। ग्राम के अरविंद ने बताया की वृद्ध और दिव्यांग जनों के लिए भी मतदान केंद्र तक पहुंचना आसान नहीं है, ग्रामीणों ने यह भी बताया की त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में गांव में ही पोलिंग बूथ बनाया जाता है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मतदान करने ग्राम खम्हेरा जाना पड़ता हैं, इतना ही नहीं वोट देने जाने के लिए मतदाताओं को प्रत्याशीओं पर निर्भर रहना पड़ता हैं, जो की वोटरों के लिए वाहन व्यवस्था करते हंै। जिससे मतदान प्रभावित होने की संभावना बनी रहती हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से ग्राम के मतदाताओं की परेशानी को हल करने की मांग की है। जिससे की मतदान केंद्र तक आसानी से पहुंचा जा सके।
इनका कहना है
अभी तो दूसरा मतदान केंद्र बनाना संभव नहीं है, इस विषय में प्रपोजल चुनाव आयोग को प्रेषित किया जाएगा। मतदाताओं के लिए व्यवस्था की जाएगी।
भरत सिंह बट्टे, तहसीलदार बजाग