प्रदेश के सियासी घमासान की चर्चाएं शहर की सड़कों में
डिंडोरी. ज्योतिरादित्य सिंधिया के अचानक कांग्रेस का साथ छोड भाजपा में शामिल होने के साथ ही उनके समर्थकों के इस्तीफे के बाद प्रदेश में सियासी उथल पुथल का दौर चल रहा है। जिसकी चर्चाएं शहर की सड़कों पर भी जोरो पर हैं। प्रदेश में किसकी सरकार होगी, आगे क्या होगा, सिंधिया का हृदय परिवर्तन कैसे और क्यों हुआ इन सभी चीजों को लेकर आम जनमानस में चर्चाओं का बाजार गर्म है। जहां कांग्रेस सरकार के पलटवार को लेकर बेफिक्री जता रही हैं तो वही भाजपा डंके की चोंट पर सरकार बनाने की बात पर जोर दे रही है। ऐसे में होली के हुड़दंगियों से लेकर शहर के गली चौराहों में लोग यह आंकलन लगाने मे जुटे हुये हैं कि आखिर बाजी किसके पाले में होगी। बहरहाल पेंच यहां भी फंसा हुआ है कि 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट होना है। उससे पहले ही कमलनाथ की राज्यपाल से शिकायत को आड़ हांथों लेते हुए राज्यपाल ने यह आदेश जारी कर भाजपा के मंसूबों पर पानी फेर दिया है कि सिंधिया समर्थक विधायकों को इस्तीफा देने उनके समक्ष प्रस्तुत होना होगा। बदलाव की बयार बेशक विधानसभा चुनाव में स्थानीय विधायक का जादू जमकर चला हो लेकिन आज हालात एकदम जुदा है। केबीनेट मंत्री महत्वपूर्ण फैसले लेने में अब तलक नाकाम ही नजर आये। फिर वह आदिम जाती कल्याण विभाग में फर्जी कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति का हो, जिले में खनिज संपदा के अवैध दोहन का हो या फिर मुख्यालय सहित जिले के कोने कोने में बिक रही अवैध शराब का। लोंगों ने फितरत पढ ली है। संभवत: इसलिए भी लोगों का दृष्टिकोण बदला है और वह भी बदलाव की बयार में शामिल होने को तैयार है । इनका कहना है .. ज्योतिरादित्य सिंधिया कहीं न कही अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे थे। वचन पत्र को प्रदेश सरकार पूरा करने में अब तक नाकामयाब रही। जो कि सिंधिया को नागवार गुजरा। ऐसे में उन्हें जनसेवा में बने रहने भाजपा का दामन थामना पडा। नरेंद्र राजपूत, भाजपा जिला अध्यक्ष प्रदेश सरकार अपने पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करेगी। किसानों, महिलाओं, बेरोजगारों के सम्मान को बरकरार रखेगी। भाजपा ने कांग्रेस विधायकों को अपने झूठे प्रपंच में फंसा अपनी ओर करने का जो कृत्य किया है वह निंदनीय है। वीरेंद्र बिहारी शुक्ला, कांग्रेस जिला अध्यक्ष कहीं न कहीं प्रदेश सरकार को ज्योतिरादित्य सिंधिया को उपेक्षित करना महंगा पड़ेगा। जिस तरह के हालात बने हुए हैं उसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रदेश में फिर से भारतीय जनता पार्टी अपनी सरकार बनाएगी। यू के पटेरिया, अधिवक्ता व पूर्व बार काउंसिल प्रेसिडेंट राजनीति में जो उठापटक हो रही है वह आम जनता के लिये ठीक नही है। इसका पूरा और सीधा प्रभाव प्रदेश की जनता पर पडेगा। किसकी सरकार बनेगी और किसकी गिरेगी यह तो वक्त ही तय करेगा। डॉ. विजय चौरसिया, पूर्व चेयर मेन जूनियर रेडक्रॉस सोसाइटी मध्यप्रदेश
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