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पुरातात्विक अवशेष स्थल पर लगा मेला

टेंट लगाकर हो रहा भजन-कीर्तन, बाहर सज गईं दुकानेंएसपी ने ने मौके पर भेजी पुलिस टीम

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Fair held at the site of archaeological remains

Fair held at the site of archaeological remains

डिंडोरी./गाड़ासरई. जिले की गाड़ासरई पंचायत के ग्राम धनौली में बीते दिनों मिले सैकड़ों साल पुराने पुरातात्विक अवशेष स्थल पर शुक्रवार को मेला लग गया। नागरिकों ने टेंट लगाकर रामकीर्तन शुरू कर दिया और बाहर दुकानें सज गईं। इस क्षेत्र को ग्रामीणों ने मंदिर की ट्रीट करना शुरू कर दिया है। खुदाई में मिलीं बेशकीमती मूर्तियों पर अक्षत, फूल और जल चढ़ाकर पूजा.अर्चना की जा रही है। यह प्रशासन के लिए चिंता का विषय है क्योंकि ऐसे में धरोहरों का अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा। इसकी सूचना पर ैएसपी संजय सिंह ने मौके पर पुलिस की टीम भेजी। टीम ने अवशेष स्थल पर पुरातात्विक धरोहरों का अवलोकन किया और व्यवस्था संभाली। साथ ही सीमा के अंदर टेंट लगाकर धार्मिक आयोजन करने वाले नागरिकों को हिदायत दी। धनौली में बीते दिनों सैकड़ों साल पुराने पुरातात्विक अवशेष खुदाई के दौरान जमीन से निकले हैं। इनमें प्रमुख रूप से भगवान विष्णु, श्रीगणेश, शिवलिंग सहित अनेक देवी.देवताओं की मूतिर्यों का बेशकीमती संग्रह शामिल है। एसपी संजय सिंह ने पुरातत्व विभाग को धरोहरों के संरक्षण के लिए सूचित किया था। वह जल्द ही धनौली पहुंचकर व्यक्तिगत रूप से पुरातात्विक अवशेष स्थल का मुआयना करेंगे। प्राचीन सभ्यता के जानकार गाड़ासरई निवासी डॉ विजय चौरसिया ने बताया कि क्षेत्र में पुरातात्विक महत्व के करोड़ों वर्ष पुराने अवशेष बिखरे पड़े हैं। जो देखरेख के अभाव में नष्ट हो रहे हैं। प्रशासनिक अनदेखी के कारण कई मूर्तियां लोगों के घरों की शोभा बढ़ा रही हैं। धनौली गांव में कुछ समय पहले भी कल्चुरी कालीन भगवान विष्णु की विशालकाय प्रतिमा निकली थी। जो मंडला संग्रहालय में संरक्षित है। इसी तरह ग्राम धुर्रा में भी कल्चुरी कालीन बावड़ी स्थित है। जिसका अस्तित्व देख.रेख में अभाव के कारण लगभग खत्म हो चुका है। डॉ चौरसिया ने कहा कि प्रशासन को जल्द से जल्द से पुरातात्विक अवशेष स्थल पर सख्त निगरानी रखकर धरोहरों का सरंक्षण करना चाहिए।