डिंडोरीPublished: Jul 18, 2019 10:33:29 pm
ayazuddin siddiqui
सूख रहे थे रोपे, खेती हो रही थी प्रभावित
झमाझम बारिश से खिले किसानों के चेहरे
डिंडोरी. दो सप्ताह से बारिश के ना होने से जहां आम जन उमस और गर्मी से बेहाल थे वहीं किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई देने लगी थी। ऐसे में जिले वासियों के लिये गुरुवार के दिन हुई झमाझम बारिश राहत की सांस लेकर आई। जिससे किसानों के चेहरे खिल उठे। दरअसल इन दिनों किसान अपने अपने खेतों में सोयाबीन, मक्का की बुवाई कर रहे हैं वहीं धान के रोपे लगाते है। दो सप्ताह पहले बंद हुई बारिश ने किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी थी और तेज गर्मी के चलते खेत सूखने की स्थिति में आ गये थे।
सताने लगा था डर
बारिश ना होने से किसानों को इस बात का डर सताने लगा था कि उनके द्वारा रोपों के लिये लगाये गये बीज कहीं खराब न हो जायें। क्यों कि किसानों ने बारिश प्रारम्भ होने से पहले ही खेतों में बीज डाल दिये थे। इसके अलावा जिन किसानों ने मताई करके बोनी करने की योजना बनाई थी उस पर भी विराम लग गया था।
नहीं हैं पर्याप्त साधन
बेशक सरकारें किसानों को हर संभव मदद दिलाने प्रयास रत हैं लेकिन आदिवासी बाहुल्य डिंडोरी जिले में आज भी किसान साधनों के अभाव में वर्षों पुरानी खेती के तौर तरीके अपना रहे है। साधनाभाव में मजबूरी वश किसानों की सारी उम्मीदें और निगाहें आज भी आसमान पर टकटकी लगाये रहती हैं। अभी तक जिले के किसान उन उन्नत तकनीकों से अनभिज्ञ हैं जिसे अपनाने से उन्हे बेहतर लाभ मिल सकता है।
खाली पड़ खेत तालाब
्रभर के खेत तालाब अब तक खाली पड़े हुए हैं। भूजल स्तर भी काफी नीचे चला गया है और प्रशासन द्वारा जल संरक्षण एवं संवर्धन हेतु भी अब तक कोई खास प्रयास नहीं किये गए हैं। जिसके चलते भविष्य में भी किसानों को परेशनियों से दो चार होना पड़ सकता है।
गर्मी से मिली राहत
गुरुवार को हुई झमाझम बारिश के बाद किसानों के साथ ही आम नागरिकों ने भी राहत की सांस ली है। कई दिनो से अवर्षा व कड़ी धूप के चलते लोग परेशान थे। उमस व सूरज की तेज तपन के चलते लोगों को अच्छी खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। गुरुवार को हुई बारिश के बाद जहां किसान एक बार फिर से अपने खेती बाड़ी के काम में तन्मयता से जुट जाएंगे वहीं आम नागरिकों को भी ठण्डक का अहसास हुआ है। बताया जा रहा है कि गुरुवार को जिला मुख्यालय के साथ ही ग्रामीण अंचलो में झमाझम बारिश हुई है। बारिश का सिलिसला दोपहर से ही ्रप्रारंभ हो गया था जो कि देर रात तक जारी रहा।