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बारिश होते ही खेती में जुट गए किसान

locationडिंडोरीPublished: Jun 16, 2019 10:40:20 pm

Submitted by:

Rajkumar yadav

कृषि विभाग ने किसानों के लिये जारी की सलाह

Farmers gathered in rains as rain

Farmers gathered in rains as rain

डिंडोरी। रविवार को दोपहर में लगभग एक घण्टे की झमाझम बारिश हुई। जिसके बाद मौसम खुला, पिछले तीन चार दिनों से रोजाना बारिश का दौर चल रहा है लेकिन गर्मी के असर में भी कोई कमी नहीं देखी जा रही है। हालांकि यह प्रीमानसून बारिश है बावजूद इसके अभी गर्मी लोगों को परेशान कर रही है। रोजाना हो रही बारिश के बाद भी दिन में उमस का वातावरण रहता है।
मानसून की आमद के साथ ही किसानों ने खेतों की ओर रूख करना शुरू कर दिया है। जिसे देखते हुए किसानों ने अपने खेतों को तैयार कर लिया है। साथ ही पानी रोकने के लिये आवश्यक इंतजाम कर खेतों में पानी भरने का इंतजार किया जा रहा है। कृषि विभाग के एसडीओ सी आर अहिरवार ने बताया कि जून माह किसानों के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस माह में किसान अपनी उपज के लिये आवश्यक इंतजाम करते हैं। उन्होंने इस माह में किसानों को सलाह जारी करते हुये बताया कि किसानों को खरीफ फसलों को बुवाई हेतु खेत को तैयार रखना चाहिये साथ ही उन्नत बीज, खाद एवं जैव उर्वरकों आदि की अग्रिम व्यवस्था करनी चाहिये। सिंचित दशा में कपास, मक्का एवं मूंगफली की बुवाई इस माह के मध्य में प्रारंभ हो जाता है साथ ही बारिश के बाद जब खेतों में पानी भर जाये और मिट्टी गीली हो जाये तो रोपणी में धान की बुवाई करें। सोयाबीन की बुवाई असिंचित अवस्था में वर्षा प्रारंभ होते ही करना चाहिये तथा सिंचित अवस्था में 22 से 30 जून तक सोयाबीन की बुवाई का कार्य हो जाना चाहिये। भूमि एवं बीजोपचार के उपरांत ही फसलों की बुवाई करने पर अच्छी उपज प्राप्त होगी। गन्ने की फसल में सिंचाई एवं खड़ी फसल में नत्रजन की अंतिम मात्रा का वर्षा प्रारंभ होने के पूर्व प्रयोग कर मिट्टी चढाना चाहिये। क्षारीय भूमि में सुधार हेतु सिफारिश के अनुसार जिप्सम का प्रयोग करना चाहिये।
उद्यानिकी फसलों की जानकारी देते हुये उन्होंने बताया कि बेर में कटाई के उपरांत नई फुटान पर उन्नत किस्मों के पैबंद चढाये। पपीते के नये बगीचे लगाने हेतु तैयार करें। अमरूद व अनार के पौधों में उम्र के हिसाब से खाद व नत्रजन उर्वरक दें। आम व नींबू वर्गीय फल वृक्षों में 4-5 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें व नत्रजन उर्वरक की शेष आधी मात्रा दें। वर्षा ऋतु की सब्जियों में बैगन, टमाटर, प्याज, अगेती फूल गोभी व मिर्च की पौधे तैयार करें। गेंदा व गेलर्डिया की पौधे लगाये।
पशुओं के संबंध में जानकारी देते हुये उन्होंने बताया कि गलघोंटू एवं लंगड़ी बुखार का टीका लगा पशुओं को नमी व लू से बचाना चाहिये साथ ही पशुओं को कृमिनाशक दवाई पिलाना चाहिये। मुर्गियों को परजीवियों से बचाने हेतु पिपराजिन दवा पानी में घोल कर पिलायें। इसके साथ ही खेती के काम में किसी तरह की परेशानी न हो इसलिये किसानों को विद्युत मोटर या डीजल इंजन को वर्षा पूर्व आयलिंग कर सुरक्षित स्थान पर रखना चाहिये।

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