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34 के विरुद्ध नामजद एफआईआर, दो सैकड़ा बांड ओवर

वीडियो फुटेज के आधार पर कार्रवाई, मामला बंद के दौरान हुए उपद्रव का

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FIR registered against 34, two hundred bonds over

FIR registered against 34, two hundred bonds over

डिंडोरी। एससी एसटी एक्ट संशोधन के मुद्दे पर सोमवार को भारत बंद के तहत नगर में बिगड़ी कानून और शांति व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस ने उपलब्ध वीडियो फुटेज के आधार पर दोनों पक्षों के 34 नामजद लोगों के विरूद्ध दंगा, बलवा और मार्ग अवरूद्ध करने तथा सरेराह आगजनी की वारदात को अंजाम देने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। जबकि प्रदर्शन मे शामिल आधा सैकड़ा दंगाईयों की पहचान मे पुलिस जुट गयी है। इनकी पहचान सुनिश्चित होने के बाद एफआईआर में शेष अज्ञात आरोपियों के नाम जोड़े जावेंगे। उक्त धाराओं के तहत तीन प्राथमिकी गुरूवार को दर्ज की गई है जिनमें एक पक्ष के 17 तथा दूसरे पक्ष के 14 लोगों पर धारा 153, 147, 148 के तहत मुकदमा कायम किया गया है। वहीं प्रदर्शन में शामिल हरेंद्र सिंह मार्को, अमान सिंह पोर्ते, गंगा सिंह पट्टा पर आम रास्ता बाधित करने सरेराह आगजनी करने की धारा 341, 147, 148 के के तहत अपराध दर्ज हुआ है। जानकारी के मुताबिक दोनों पक्षों के हरेंद्र मार्को, अमान सिंह, हरीश मरकाम, महेंद्र सिंह ठाकुर, मधु गवले, रवि तेकाम, डीमन सिंह, धनराज पूषाम, नगीना धुर्वे, राधेलाल नागवंषी, प्रेम हनुमत, अमर सिंह मार्को, दलपत सांड्या, अषोक सरैया, माधव मरकाम, षिव धुर्वे, धनराज तेकाम, रविराज बिलैया, हर्ष कटारे, छोटू गोस्वामी, गोलू बिलैया, बबलू सोनपाली, बबलू तिवारी, सनी सरदार, पुलकित शुक्ला, आदित्य पांडे, शांतनु पाठक, पिंटू जैन, आकाश मिश्रा पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। गौरतलब है कि बंद को लेकर दोनों पक्ष के लोग आमने सामने आ गये थे। जिसके बाद नगर मे तनाव की स्थिति बन गयी थी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मारपीट, गाली गलौज, पत्थरबाजी कर बलवा एवं दंगा के हालात पैदा कर दिये थे। जिसके चलते पुलिस को अश्रु गैस का प्रयोग करते हुये नगर मे धारा 144 लागू करनी पड़ी थी। पिछले तीन दिनों से जारी प्राथमिकी का दौर आगामी दिनों तक चलने के आसार है। पुलिस रोजाना हाथ लग रहे प्रमाणों के आधार पर कार्रवाई को अंजाम दे रही है।
फल दुकान मे लूटपाट पर कार्रवाई
प्रदर्शन के दौरान सोमवार की शाम पुरानी डिंडोरी निवासी नीलेश पिता जय सिंह राठौर की फल की दुकान में तोडफ़ोड़ और लूटपाट की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध 299, 147, 148, 427 की धाराओं पर कार्रवाई शुरू कर दी है। इस मामले पर भी पुलिस आरोपियों को खोजने वीडियो फुटेज का सहारा ले रही है। दुकान संचालक नीलेष ने दुकान में तोडफोड़, मारपीट, गाली गलौज के साथ दुकान मेें 10 हजार लूट की शिकायत दर्ज करवाई है।

पेयजल की समस्या से जूझ रहे गोरखपुर के वाशिंदे
नियमित नहीं हैं नलजल योजना, मोटर खराब, हैंडपंप बंद पड़े
गोरखपुर। करंजिया विकासखंड के अंतर्गत कस्बा गोरखपुर में गर्मी के शुरूआत के साथ ही पेयजल की समस्या विकराल रूप धारण कर रही है। जबकि आगामी दिनों में भीषण गर्मी पडऩे वाली है। कस्बावासियों के कंठ तर करने के लिये संचालित नलजल योजना भी नियमित नहीं है कस्बा के प्रमुख स्थानों के हैंडपंपों ने अभी से साथ छोड़ दिया है जिसके चलते ग्रामीणों को पीने के पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
नलजल योजना बनी मात्र दिखावा
वर्षों पूर्व कस्बा में जल योजना की शुरूआत पेयजल आपूर्ति के भले ही कर दिया गया है। लेकिन इस योजना का भी पूरा-पूरा लाभ कस्बावासियों को नहीं मिला। कस्बा के लोगों ने जानकारी देते हुये बताया किय यह योजना अभी भी नियमित नहीं चल पाती प्रतिवर्ष ग्रीष्म ऋतु के प्रारंभ होते ही नलजल योजना दम तोड़ देती है। कभी स्टार्टर तो कभी मोटर जलने के कारण कई दिनों तक कस्बा में जलापूर्ति प्रभावित रहती है। वर्तमान में भी यह स्थिति स्पष्ट दिख रही है। एक पखवाड़े में दूसरी बार मोटर जलने का मामला सामने आया है।
समस्या बरकरार
उल्लेखनीय है कि कस्बा के क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों में नल जल योजना के पानी के लिये बोर कराया गया जहां कुछ स्थानों में सफलता मिली तो कहीं असफल रहे। वर्तमान में कस्बा के गोरखनाथ मंदिर के पास वाले एवं छोटी पुलिया के पास कराये गये बोर से कस्बा में पानी की पूर्ति की जाती रही है। लेकिन सप्ताह भर से गोरखनाथ मंदिर के पास वाले बोर का मोटर खराब हो गया है ऐसे में पूरे कस्बे में पानी की पूर्ति छोटी पुलिया के पास के कुंआ और बोर के भरोसे है। लेकिन यहां से कस्बा के कुछ वार्डों तक 10 से 15 मिनट तक पानी की पूर्ति की जाती है वो भी एक दिन के अंतराल में जो कि कस्बावासियों के लिये नाकाफी है और समस्या पहले की तरह बरकरार है। ऐसे में कस्बा के बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों से बात करने पर उन्होने ने कहा कि ऐसी समस्या तो प्रतिवर्ष दिखती है क्या इन समस्याओं से निपटने के लिये पूर्व से ही तैयारी नहीं की जा सकती।