सात बैंक के खातों के जरिए हुई सरकारी राशि की हेराफेरी, जांच के बयान के आधार पर तय होंगे अन्य आरोपी
50 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ, आदिवासी विभाग में करोड़ों की हेराफेरी का मामलाडिंडौरी. आदिवासी विकास विभाग में दो करोड़ 59 लाख की हेरा-फेरी मामले में आरोपी तत्कालीन सहायक आयुक्त की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को अन्य आरोपियों की पतासाजी के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। विभाग के सात बैंक खातों के जरिए हुई […]
50 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ, आदिवासी विभाग में करोड़ों की हेराफेरी का मामला
डिंडौरी. आदिवासी विकास विभाग में दो करोड़ 59 लाख की हेरा-फेरी मामले में आरोपी तत्कालीन सहायक आयुक्त की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को अन्य आरोपियों की पतासाजी के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। विभाग के सात बैंक खातों के जरिए हुई सरकारी राशि की हेराफेरी के इस मामले को सुलझाने में पुलिस अब तक नाकाम साबित हुई है। अब राज्यस्तरीय और जिला स्तरीय जांच टीम के कथनों के आधार पर पुलिस विभाग अन्य आरोपियों को चिन्हित करेगा। इसके लिए पुलिस स्टेट और जिला स्तरीय जांच टीम के सदस्यों की जानकारी जुटा रही है, जिससे उनसे संपर्क करके कथन नस्ती हो सके। उल्लेखनीय है कि आदिवासी विकास विभाग में आर्थिक गड़बड़ी की शिकायत पर पूर्व में विभाग की राज्यस्तरीय टीम ने जांच की और अनियमितता होना पाया था। तत्कालीन कलेक्टर ने भी चार सदस्यीय जिला स्तरीय टीम से शिकायत की पड़ताल करवाई थी। इस जांच दल ने भी तत्कालीन सहायक आयुक्त अमर सिंह उइके के कार्यकाल में आदिवासी विभाग में 25 फरवरी 2019 से 21 जनवरी 2021 तक की अवधि में वित्तीय अनियमितता का लेख जांच प्रतिवेदन में किया था। इसके साथ ही लोकायुक्त जांच में 2 करोड़ 59 लाख की गड़बड़ी उजागर हुई थी। इसे लेकर तत्कालीन कलेक्टर के निर्देश पर वर्तमान सहायक आयुक्त डॉ. संतोष शुक्ला ने तत्कालीन सहायक आयुक्त अमरसिंह उइके के विरूद्ध कोतवाली में 21 फरवरी 2024 को धारा 420, 409 और 34 के तहत मामला दर्ज करवाया था। मामला दर्ज होने की भनक लगते ही आरोपी तत्कालीन सहायक आयुक्त अमरसिंह अपने पदस्थापना स्थल सिवनी से फरार हो गया था। आरोपी को पांच माह बाद 27 जुलाई को पुलिस ने भोपाल के होटल से गिरफ्तार किया था। मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के बाद अब कोतवाली पुलिस के सामने अन्य आरोपियों तक पहुंचना चुनौती साबित हो रहा है। मामला दर्ज होने के बाद कोतवाली पुलिस अब तक 50 से अधिक विभागीय अधिकारी कर्मचारियों, व्यापारियों और सप्लायरों से पूछताछ कर चुकी है। साथ ही आवश्यक दस्तावेजों का अवलोकन भी किया है।
कंप्यूटर ऑपरेटर भर्ती पर भी पूछताछ
करोड़ों के इस हेरफेर के मामले में पुलिस ने विभाग में हुई फर्जी 28 कंप्यूटर ऑपरेटर भर्ती पर भी पूछताछ शुरू कर दी है। पूर्व में मूल दस्तावेज जब्ती के बाद अब पुलिस ने सभी 28 ऑपरेटरों के नाम, पदस्थापना, कार्य अवधि, पदस्थापना आदेश सहित भुगतान के स्त्रोत और तरीकों की जानकारी भी तलब की है। इसके बाद विभाग में हडक़ंप मच गया है।
अन्य जिलों में पदस्थ हैं जांच टीम के सदस्य
जानकारी के मुताबिक स्टेट और जिला स्तरीय जांच दल के सदस्यों का तबादला हो जाने से पुलिस विभाग की मुश्किलें बढ़ गई हंै। इसके लिए वर्तमान पदस्थापना स्थल पर जाकर कथन लेने की अनुमति जिला प्रशासन से मांगी गई है। इनमें एक सदस्य सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि अन्य सदस्यों की वर्तमान पदस्थापना की जानकारी ली जा रही है।
प्राचार्यों और अधीक्षकों को नोटिस जारी
करोड़ों की सरकारी राशि की हेराफेरी मामले में संदिग्ध सप्लायरों की भूमिका तय करने प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए पुलिस ने विद्यालयों और छात्रावासों में सामग्री प्रदाय की सत्यता परखने संबंधित प्राचार्यों और अधीक्षकों को सामग्री प्रदाय से संबंधित भौतिक और कागजी जानकारी नियत समय तक प्रस्तुत करने नोटिस जारी किया है।
Hindi News / Dindori / सात बैंक के खातों के जरिए हुई सरकारी राशि की हेराफेरी, जांच के बयान के आधार पर तय होंगे अन्य आरोपी