डिंडोरी

स्कूल-कालेज, संस्थानों में महिलाओं का सम्मान

विश्व महिला दिवस पर कार्यक्रम आयोजित

डिंडोरीMar 09, 2019 / 08:36 pm

shivmangal singh

स्कूल-कालेज, संस्थानों में महिलाओं का सम्मान

डिंडोरी। स्थानीय मेकलसुता महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में फिरोजा सिद्धकी अधिवक्ता जिला सत् न्यायालय डिंडौरी, प्राचार्य डॉ. बी.एल.द्विवेदी, रजिस्ट्रार डॉ. प्रदीप द्विवेदी, उपप्राचार्य बी.एस.द्विवेदी, विभागाध्यक्ष प्रो. निसात अर्सी, प्रो. सोनल जैन, प्रो. ज्योति द्विवेदी उपस्थित हुये। कार्यक्रम का शुभारंभ मॉ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर व अतिथियों का स्वागत कर किया गया। तत्पष्चात् अधिवक्ता फिरोजा सिद्धकी द्वारा इस महत्वपूर्ण दिवस के सम्बंध में कहा गया कि, आज का दिवस विष्व की महिला जगत का सम्मान करने का दिवस है। हमें समाज में, कार्यक्षेत्र में सर्वांगीण विकास के लिये जागरूक होना होगा और सभी के प्रति सहानुभूति रखनी होगी तभी हम सषक्त बनेंगे आपने घरेलू हिंसा से संबंधित विभिन्न धाराओं की जानकारी से अवगत कराया।
डॉ. प्रदीप द्विवेदी ने महिला दिवस की शुभकामना देते हुये कहा की महिलाओं के सम्मान के लिये सभी वर्ग के लोगों को आगे आना चाहिए और बढ़ रही विषमताओं को समाप्त करने में योगदान देना चाहिए। प्राचार्य डॉ. बी.एल.द्विवेदी द्वारा विष्णुपुराण के दृष्टांत को दृष्टिगत रखते हुए बताया कि, मॉ लक्ष्मी को भी भगवान ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। हमारे समाज में जंहा जंहा नारी का सम्मान होता है। वंहा भगवान का वास होता है, आज नारी शक्ति हमारे परिवार, समाज व राष्ट्र के निर्माण में विभिन्न रूपों से भूमिका अदा कर रही है, जिनका सम्मान हमें आज ही नहीं बल्कि नित्यप्रति करना चाहिए, तभी हमारा परिवार, समाज सषक्त और प्रबल बनेगा। आपने महिला दिवस के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाष डालते हुए बताया कि, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का बीजारोपण 1908 में हुआ था। जब 15000 महिलाओं ने न्यूयार्क शहर में मॉर्च निकालकर अपने अधिकारों की मांग की थी, उसके एक वर्ष पश्चात् सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने पहला राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित किया। 8 मार्च 1913 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की घोषणा की गई जो आज भी मनाया जा रहा है। विष्व की उन प्रभावी महिलाओं का सम्मान करना एवं उनके आदर्षों पर चलने की प्रेरणा हमें आज भी मिलती है। उपप्राचार्य ने कहा कि हम ऐसे समाज में रहते हैं जहॉ पुरूषों की प्रधानता होती हैं जबकि हमारे समाज की रीढ़ की हड्डी नारी शक्ति होती है, जो हमारे जन्म से लेकर बढ़ा होने तक हर भूमिका का निर्वाहन करते हुए षिखर तक पहुॅचाती है। हमें उस नारी शक्ति सम्मान व आदर करना चाहिए जिससे उतरोत्तर सषक्त समाज का निर्माण हो सके। प्रो. अर्षी ने छात्राओं को बताया कि हम अगर पुरूष वर्ग के समकक्ष अपने को मानते हैं तो हमें उसी तरह समाज में बढ़कर आगे आना होगा और महिलाओं का सम्मान बढ़ाना होगा। समाज में महिलाओं के सम्मान के लिए जागरूकता लाने की आवश्यकता है।

अभाविप के द्वारा महिलाओं का किया सम्मान

डिंडौरी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रही सभी महिलाओं का सम्मान किया गया समान स्वरूप उन्हें तिलक वंदन कर साहित्य रूप भेंट दिया सर्वप्रथम महाविधालय में सभी महिला प्राध्यापको का सम्मान किया गया उसके पश्चात थाना शहपुरा में पदस्थ उपनिरीक्षक अंकिता तिवारी, आरक्षक प्रियंका नामदेव और निर्मला का सम्मान कर उन्हें अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दिया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की सम्मान करते समय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश के सहमंत्री हरिहरन रजक,ब्लॉक संयोजक प्रवीण विश्वकर्मा ,शिव बरमैय्या,अमन गुप्ता,पंकज एवम अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।
विद्यालय में महिला दिवस पर हुये आयोजन

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डिंडौरी। संस्कार पब्लिक स्कूल शहपुरा में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह का आयोजन किया गया जिसमें समस्त महिला शिक्षकों महिला कर्मचारियों को पुष्प गुच्छ एवं कलम देकर स्वागत किया गया साथ ही महिला दिवस के उपलक्ष्य में सांस्कृतिक कार्यक्रम रखा गया इसमें सभी महिला शिक्षक शामिल रहे विद्यालय के संस्था प्रमुख प्रमुख ने सभी महिला शिक्षकों को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दी विद्यालय परिवार से नाहिदा खान सुषमा बरमैया शीला मीणा हिमांशु जोशी शिवानी गुप्ता साक्षी त्रिपाठी मधु तिवारी संगीता बरमैया, पुष्पा साहू सुरभि गुप्ता शिवानी गुप्ता मीनाक्षी माधवी कविता बरमैया शामिल रहे।
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