scriptबस संचालन में सुरक्षा के मापदंडों की अनदेखी | Just ignore safety parameters in operation | Patrika News

बस संचालन में सुरक्षा के मापदंडों की अनदेखी

locationडिंडोरीPublished: Jul 19, 2018 06:08:17 pm

Submitted by:

shivmangal singh

नियमित जांच न होने से अव्यवस्था, बौने साबित हुए नियम
मापदण्डों को दरकिनार कर इस तरह की बसों का हो रहा संचालन

Just ignore safety parameters in operation

Just ignore safety parameters in operation

डिंडोरी। बस हादसों से सबक लेकर शासन द्वारा जारी यात्री सुरक्षा संबंधी मापदंडों का पालन करने में बस संचालक लापरवाही बरत रहे हैं। वहीं नियमित जांच न होने से तमाम नियम भी बौने साबित हो रहे हैं। जिससे स्पष्ट होता है कि सुरक्षा संबंधी मापदंडों को ताक पर रख धड़ल्ले से यात्री बस संचालन को अंजाम दिया जा रहा है। गौरतलब है कि बस हादसे के बढ़ते ग्राफ के मद्देनजर शासन ने बसों में दो दरवाजे, आपात खिड़की, अग्निशामक यंत्र तथा फस्र्ट एड की व्यवस्था अनिवार्य करने कड़े निर्देश जारी किये थे। साथ ही बसों के परमिट, फिटनेस समेत अन्य अनुमति संबंधी जानकारी तथा किराया दर बस के दरवाजे पर अंकित कराने के नियम भी लागू किये गये थे, लेकिन अब इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। हालात इतने बदतर हैं कि परमिट तथा फिटनेस के इतर बसों का संचालन जारी है। वहीं आपात खिड़की एवं दो दरवाजा की अनिवार्यता थी, कमाई के सामने ठेंगा साबित हो गयी है। यहां मुनाफे के चक्कर में बस संचालकों ने सीट स्थापित कर सुरक्षा को हासिये पर रख दिया है। विदित होवे कि हादसों के दौरान एक ही दरवाजा से यात्रियों को बाहर आने के दबाव को कम करने दो दरवाजे एवं आपात खिड़की की मंशा के तहत नियम लागू किये गये। साथ ही बस चालक एवं परिचालक को यूनीफार्म में रहने की ताकीद भी दी गई थी। इन सबके बावजूद नियमों की कायमी मे परिवहन विभाग और यातायात ने रूचि नहीं दिखाई। परिणामस्वरूप सभी नियम कागजों तक सिमट गये।
एक वर्ष बीतने के बाद भी नहीं मिला पारिश्रमिक
डिंडोरी। मंगलवार को जनसुनवाई में एक साल से पारिश्रमिक ना मिलने की शिकायत रसोईयों ने दर्ज कराते हुये दिलाने की मांग की है। प्राथमिक शाला बुडरूखी में रसोईया का काम करने वाली गोतर बाई और पार्वती बाई ने बतलाया कि जुलाई 2017 से अपै्रल 2018 तक की पारिश्रमिक राषि उन्हे प्रदान नहीं की गई है। इस संबंध में संबंधित अधिकारी को भी अवगत कराया गया है, लेकिन आज पर्यंत तक पारिश्रमिक प्रदान नहीं किया गया है जिसके चलते उन्हे आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है।
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