कपिलधारा कूप और मेड़ बंधान का नहीं हुआ मस्टररोल जारी
मोहारी के ग्रामीण जनसुनवाई में पहुंचकर लिखित शिकायत दर्ज कराई

डिंडोरी. जनपद पंचायत अमरपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत मोहारी के ग्रामीण जनसुनवाई में पहुंचकर लिखित शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें ग्रामीणों ने जनपद पंचायत अमरपुर के कर्मचारियों पर आरोप लगाया है कि विकास यात्रा के दौरान स्वीकृत कपिलधारा कूप और मेड़ बंधान का मस्टररोल अभी तक जारी नही किया गया है। जिसके चलते हितग्राही अपनी भूमि में कूप निर्माण और मेढ़ बांध का कार्य नहीं करा पा रहे हैं। हितग्राहियों ने शिकायत पत्र में उल्लेख किया है कि विकास यात्रा के दौरान केबिनेट मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे द्वारा ग्राम पंचायत के 5 हितग्राहियों को कपिलधारा कूप व 7 हितग्राहियों को मेड़ बंधान स्वीकृति पत्र प्रदान किया गया था। लेकिन मस्टररोल जारी नहीं होने से हितग्राही मेड़ बंधान का कार्य नहीं करा पा रहे हैं। चूंकि जारी मस्टररोल में मजदूरों का नाम अंकित किया जाता है और उसी आधार पर मजदूरों को मजदूरी कार्य के साथ साथ भुगतान सुनिश्चित होता है। इसी तरह कपिलधारा कूप के हितग्राही स्वीकृति पत्र के बाद कूप निर्माण का कार्य शुरू कर दिये और जेसीबी मशीन के माध्यम से 10 से 12 फीट तक उत्खनन भी करा चुके हैं। लेकिन मस्टररोल जारी नहीं हो पाने से जीओटेक, डीपीआर, वर्क आईडी नहीं बन पा रही है। हितग्राहियों को चिंता सताने लगी है कि कुछ ही दिनों बाद बारिश का आगाज हो जायेगा और स्वीकृति के बाद उनकी भूमि में काम नहीं हो सकेगा। उन्होने आशंका जाहिर की है कि ऐसी दशा में स्वीकृत कार्य निरस्त न हो जाये। कपिलधारा कूप निर्माण के हितग्राही शांती बाई पति छोटेलाल, फग्गू पिता मंजू, बिसाहिन पिता षिवलाल, संपत्तिया पति किरनू, संपत पिता दशरू एवं मेड़ बंधान के हितग्राही कली बाई पति गूहा, गेंद सिंह पिता रज्जू, भद्दू पिता लोठू, मोतीलाल पिता रमोले, जगत सिंह पिता विष्नू, फाडल पिता मधा एवं कैली बाई पति पोटू ने शिकायत दर्ज कराई है।
तहसीलदार और नायब तहसीलदार नोटिस जारी
डिंडोरी ञ्च पत्रिका. कलेक्टर अमित तोमर ने तहसीलदार डिंडोरी गौरीशंकर शर्मा और नायब तहसीलदार वृत्त नेवसा राजाराम को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उक्त नोटिस दोनों अधिकारियों को शासकीय कार्य में लापरवाही बरतने पर दिया गया है। जारी आदेश के मुताबिक तहसीलदार एव ंनायब तहसीलदार के द्वारा पट्टा वितरण तथा आरसीएमएस में प्रकरणों के दर्ज/निराकरण कार्य में प्रगति कम पायी गई है, जो कि शासकीय कार्यों के प्रति उदासीनता को प्रदर्शित करता है। कलेक्टर ने इस प्रकार की कार्य प्रणाली को गंभीरता से लेते हुए मध्यप्रदेश सिविल सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1996 के नियम 10 के तहत दो वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने के निर्देश दिए हैं। संबंधित अधिकारियों के द्वारा तीन दिवस में संतोषजनक उत्तर प्राप्त नहीं होने पर एकपक्षीय कार्रवाई की जायेगी।
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