जनपद अध्यक्ष की माने तो कुछ दिनों पूर्व उनके गृहग्राम में एक व्यक्ति के घर की बाड़ी से आबकारी विभाग की छापेमार कार्रवाई में गांजा के सैकड़ों पेड़ बरामद किये गये थे। लेकिन आबकारी विभाग द्वारा आरोपी के विरूद्ध नारकोटिक्स एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं की गई बल्कि मिलीभगत करते हुये आरोपी के विरूद्ध शराब बेचने की कार्रवाई की गई थी। जिसे लेकर ग्रामीणों मे भी चर्चाओं का दौर जारी है। इस संबंध मे आरोपी तीरथ तेकाम भी शराब बेचने और पीने से इंकार करते हुये बतलाया कि आबकारी विभाग का अमला उसके घर मे दबिश दिया और घर के पीछे बाड़ी मे घूमकर तलाशी शुरू की। इसके बाद उन्हे कुछ भी नहीं मिला तीरथ ने बतलाया कि उसके ऊपर आबकारी विभाग क्या कार्रवाई किया है इसकी जानकारी उसे नहीं है।
वह शराब नहीं बेचता और न ही शराब का सेवन करता है। इस बात की गवाही पूरा गांव दे देगा। वहीं जनपद अध्यक्ष का आरोप है कि विभाग द्वारा गांजा के लगभग 150 पौधे बरामद किये गये थे। लेकिन आरोपी से लेनदेन करने के बाद शराब बेचने का मामला दर्ज किया गया है। जिसकी जांच की भी जनपद अध्यक्ष द्वारा
मांग की गई है।
मांग की गई है।
इनका कहना है
आबकारी विभाग शहपुरा के सम्हर सिंह के मुताबिक मालपुर मे शराब विक्रय करने की शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसके बाद दबिश देकर आरोपी के पास से शराब की जप्ती करते हुये कार्रवाई की गई है। ग्रामीणों द्वारा लगाये गये आरोप गलत है।
आबकारी विभाग शहपुरा के सम्हर सिंह के मुताबिक मालपुर मे शराब विक्रय करने की शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसके बाद दबिश देकर आरोपी के पास से शराब की जप्ती करते हुये कार्रवाई की गई है। ग्रामीणों द्वारा लगाये गये आरोप गलत है।