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औषधीय गुणों से भरपूर है महुआ, बताए फायदे

locationडिंडोरीPublished: Sep 22, 2020 11:24:49 pm

Submitted by:

ayazuddin siddiqui

बिजोरा में पोषण माह कार्यक्रम: कुपोषण दूर करने के लिए छेड़ा अभियान

Mahua is full of medicinal properties, mentioned benefits

Mahua is full of medicinal properties, mentioned benefits

डिंडोरी. जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित इकाई कृषि विज्ञान केंद्र डिंडोरी महिला बाल विकास विभाग एवं आयुष विभाग डिंडोरी के संयुक्त तत्वाधान में पोषण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कार्यक्रम का आयोजन डॉक्टर शैलेंद्र सिंह गौतम प्रभारी कृषि विज्ञान केंद्र के मार्गदर्शन में आयोजित हो रहे हैं। साथ ही मंजू लता सिंह जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग, डॉक्टर संतोष कुमार परस्ते जिला आयुष अधिकारी के संयुक्त तत्वाधान में जिले भर में अलग-अलग जगह पर आयोजित किए जा रहे हैं। मंगलवार को ग्राम बिजोरा विकासखंड डिंडोरी में पोषण का वृहद कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें कुपोषण के कारणों का पता लगाया गया साथ ही निवारण भी करने का प्रयास किया गया। कार्यक्रम में बताया गया कि जिले में महुआ अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है। महुआ ना सिर्फ खाने के लिए बल्कि इंधन के रुप में भी प्रयोग किया जाता है। रेणु पाठक तकनीकी अधिकारी कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा बताया गया की महुआ विभिन्न गुणों से भरपूर है। प्रत्येक 100 ग्राम महुआ में 50 से 31 प्रतिशत वसा, 60.9 प्रतिशत प्रोटीन, 22 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट एवं 3.2 प्रतिश फाइबर होता है।
महुआ में औषधीय और चिकित्सकीय गुणों से भरपूर तत्व मौजूद हैं। यह मौसमी फ्लू, बुखार, मिर्गी, कैंसर जैसी तमाम समस्याओं का एक समाधान है। मौसमी अनाज के विकल्प के रूप में महुआ के बीज से बने आटे से रोटी और पूड़ी बनाई जाती है। शुगर की मात्रा ज्यादा होने के कारण महुआ के फूलों का इस्तेमाल भारतीय मिठाईयों जैसे कि बर्फी, खीर, हलवा और मीठी पूड़ी बनाने में किया जाता है। महुआ के फूलों को पशु जैसे गाय के चारे के तौर पर भी दिया जाता है इससे उनमें दूध का उत्पादन बढ़ता है।
लगाई गई पोषण प्रदर्शनी
एकीकृत बाल विकास सेवा डिंडोरी अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र बिजोरा में राष्ट्रीय पोषण माह के तहत पोषण प्रदर्शनी लगाई गई जिसमें विविध प्रकार के अनाज दालें मौसमी हरी सब्जी भाजी मुनगा चेस चकोरा भाजी महुआ का लाटा जिसमें चना राम तिल महुआ अलसी तेल को भूनकर ओखली में कूदकर बनाया गया। इसके अलावा महुआ की डुबरी जिसमें चना एवं महुआ को उबालकर पका कर बनाया गया। महुआ का लड्डू पोषक तत्वों से भरपूर रहा 3 से 6 वर्ष के बच्चों को ताजा सुगंधित मीठा दूध बना कर पिलाया गया। परियोजना अधिकारी नीतू तेलगाम द्वारा उपस्थित बच्चों की माताओं को पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी परामर्श दिए गए। आंगनवाड़ी केंद्र बिजोरा में उपस्थित समस्त कुपोषित बच्चों की माताओं को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण गृह वाटिका बनाने कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा बीज का वितरण भी किया गया एवं आंगनबाड़ी केंद्र में कटहल सीताफल व पपीते के पौधे लगाए गए।
स्वास्थ्य संबंधी दी गई जानकारी
आयुष विभाग से डॉ समीक्षा सिंह द्वारा कुपोषित बच्चों का वजन ऊंचाई माप एवं स्वास्थ्य जांच कर संपुष्टि चूर्ण व वाह औषधि तेल का उपयोग एवं मालिश करने की
विधि बताई गई। महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी गई और समस्याओं का निदान भी किया गया।
महुआ के यह हैं फायदे
1. स्वस्थ मसूढ़ों और टॉन्सिलाइटिस के लिए महुआ को लाभकारी माना गया है।
2. ब्रोंकाइटिस की गंभीर स्थिति से आराम पाने में महुआ के फूल काफी कारगर हैं।
3. एंटीऑक्सीडेंट और सूजन-रोधी गुणों से युक्त जड़ी-बूटी होने के कारण महुआ सूजन को कम कर तुरंत आराम दिलाता है।
4. महुआ की छाल के रस में ज्वर-रोधी, दर्द निवारक और सूजन-रोधी गुण होते हैं।
5. महुआ के ताजा फूलों के रस से साइनस, सिरदर्द, पित्त दोष और आंखों में जलन से राहत मिलती है।
6. नसों की कमजोरी से लडऩे में मदद करता है।
7. हिचकी, हाई ब्लड प्रेशर और खांसी कम होने में मदद मिलती है।
8. महुआ की छाल का पाउडर ताकत बढ़ाता है।
9. पेशाब में जलन और शरीर में जलन होने की दिक्कत दूर होती है।

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