डिंडोरीPublished: Oct 13, 2021 12:29:57 pm
shubham singh
नौ वर्ष बाद भी बरकरार है मां की प्रतिमा की चमक
Mother did not rise from her place after installation of the statue
बजाग. तहसील बजाग अंतर्गत ग्राम पंचायत बचछरगांव के ग्राम झिझरी में मां काली की भव्य प्रतिमा स्थापित है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष २०१२-१३ में यहां मां की प्रतिमा श्रद्धालुओं द्वारा स्थापित की गई थी। नौ दिनों तक पूजा अर्चना के बाद जब प्रतिमा के विसर्जन की तैयारी की गई वहीं यहां के पुजारी परेश दुबे इस मत में नहीं थे कि माता की प्रतिमा का विसर्जन किया जाए। जब श्रद्धालु माता की प्रतिमा विसर्जित करने के लिए उठाने लगे तो प्रतिमा अपने स्थान से उठी ही नहीं। लगभग ३० वर्ष से माता की आराधना कर रहे परेश दुबे का कहना है वह इस मत में नहीं थे कि प्रतिमा विसर्जित की जाए और माता ने उनकी पुकार सुन ली। जब माता की प्रतिमा वहां से नहीं डिगी तो ग्रामीणों ने प्रतिमा को वहीं पर स्थापित करने का निर्णय लिया गया। जिसके बाद से लेकर अभी तक मां की प्रतिमा वहीं पर स्थापित है। नौ वर्ष बीत जाने के बाद मां की प्रतिमा की चमक वैसी ही है। ग्रामीणों ने बताया कि पहले जब वह प्रतिमा स्थापित करते थे तो नौ दिन तक पूजा अर्चना के बाद प्रतिमा का विधि विधान के साथ विसर्जन किया जाता था।
इसके बाद नई जबह में मां काली की प्रतिमा स्थापना की गई। जिसके बाद वह प्रतिमा वहीं पर स्थापित हो गई। लगभग नौ वर्ष से वहीं प्रतिमा यहां स्थापित है। ग्रामीण बताते हैं कि दूर-दूर से श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए आते हैं और उन पर मां की कृपा अवश्य होती है। मंदिर की देखरेख के लिए किसी प्रकार की स्थाई समिति नहीं है। श्रद्धालु माता की देखरेख और पूजा अर्चना करते हैं। यहां न तो कोई स्थाई भवन है और न ही कोई मंदिर बना है। कुछ ही वर्षों में यह स्थान प्रसिद्धि को हासिल कर चुका है जहां विशेष पूजा अर्चना की जाती है। माता सभी की मन्नते पूरी करती है। पंजारी परेश दुबे बताते हैं कि लगभग 30 वर्ष से उनके द्वारा नित्य साधना की जा रही है। इस मंदिर की देखभाल में रतन उरवैती,ए रामप्रसाद तेंदुलकर, राजेंद्र दुबे, संदीप दुबे, परमेश दुबे का विशेष योगदान रहता है और ऐसे स्थान को और भव्य बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।