scriptतस्करी व यौन शोषण के विरुद्ध विधिक सहायता देना उद्देश्य | Objective to give legal aid against trafficking and sexual exploitatio | Patrika News

तस्करी व यौन शोषण के विरुद्ध विधिक सहायता देना उद्देश्य

locationडिंडोरीPublished: Nov 21, 2019 09:55:44 pm

Submitted by:

Rajkumar yadav

अन्तर्राष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस पर बच्चों को विधिक शिविर में दी गई जानकारी

Bhajan kirtan held in temples, torn apart

Objective to give legal aid against trafficking and sexual exploitation

डिंडोरी.डी एन मिश्र जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डिंडोरी के निर्देशन में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित बच्चों को तस्करी एवं व्यावसायिक यौन शोषण के पीडित योजना 2015 एवं जनजातीय अधिकारों का संरक्षण एवं प्रवर्तन योजना 2015 के अंतर्गत मॉडल हायर सेकेन्डरी स्कूल बजाग में शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें प्रतिभा साठवणे सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डिंडोरी द्वारा छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुये कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित तस्करी एवं व्यावसायिक यौन शोषण के पीडि़त योजना 2015 के अंतर्गत व्यावसायिक यौन शोषण के लिए महिलाओं और बच्चों की तस्करी करना एक संगठित अपराध है। अधिकांशत: महिलाएॅ और मासूम बच्चे इस व्यवसाय में धकेल दिए जाते हैं तथा एक बार इस व्यापार में आ जाने के बाद पीडित के पास बचने का कोई रास्ता नहीं रहता और उसे इसी मामौल में जीना पड़ता है। इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य तस्करी और यौन शोषण के विरूद्ध विधिक सहायता प्रदान करना है। इसी प्रकार हाई स्कूल चाडा में भी प्रतिभा साठवणें सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डिंडोरी द्वारा छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुये कहा कि जनजातीय अधिकारों का संरक्षण एवं प्रवर्तन योजना 2015 के अंतर्गत जनजातीय लोगों को न्याय दिलाना सुनिश्चित करना है। जिसमें अधिकारों, लाभों कानूनी सहायता और अन्य विधिक सेवाएं शामिल हैं, ताकि वे सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक न्याय के संवैधानिक आश्वासन का समर्थक रूप है। बच्चों को निर्भया हेल्पलाईन 1090, चाईल्ड हेल्प लाईन 1098 की जानकारी दी गई साथ ही साइबर क्राईम, मोटर व्हीकल एक्ट, पाक्सो एक्ट आदि की भी जानकारी दी गई। इसी प्रकार लीड बैंक के वित्तीय सलाहकार वीरेन्द्र सिंह के द्वारा वर्तमान परिवेश में बैंकों के माध्यम से छात्रों को उच्च अध्ययन हेतु किस प्रकार ऋण उपलब्ध कराया जाता है और उसमें कौन-कौन से दस्तावेज लगते हैं तथा कितनी राशि के बैंक ऋण पर कितनी राशि का ब्याज देना होता है आदि के साथ-साथ यह भी जानकारी दी गई कि किसी भी व्यक्ति को मोबाईल या अन्य किसी भी प्रकार से यदि वह एटीएम का पासवर्ड या अन्य आपके खाते की जानकारी प्राप्त करता है तो आपकों इस प्रकार की जानकारी नहीं देना चाहिए और अपनी बैंक शाखा से संपर्क करना चाहिए। कार्यक्रम में शिक्षक, छात्र तथा विश्वनाथ पाण्डे, महेन्द्र एवं अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहें।

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