बरसात में और भी परेशानी हो रही है
जिसका सबसे ज्यादा खामियाजा वाहन स्वामियों को भुगतना पड़ रहा है। जिसे लेकर विभाग व ठेकेदार गंभीर नहीं है। लेट-लतीफी का प्रमुख कारण समय पर राशि उपलब्ध न होने को बताया जा रहा है। कारण कुछ भी हो लेकिन इसका खामियाजा आम नागरिको को भुगतना पड़ रहा है। बरसात में और भी परेशानी हो रही है।
सात माह में करना था पूरा
यदि यहां यह कहा जाए कि विभाग पूरी तरह ठेकेदार पर मेहरबान है तो कहना गलत नही होगा। क्यों कि उक्त निर्माण कार्य को जब सात माह की अवधि में पूरा किया जाना था तो फिर अब तक इंतजार क्यों। इस दौरान विभाग ने ठेकेदार को पत्राचार भी किए लेकिन नतीजा हर बार ही सिफर रहा।
खोदी गई थी सड़क
बायपास मार्ग खोदे जाने से पहले की स्थिति में काफी बेहतर था, लेकिन विभाग की शह पर ठेकेदार ने उक्त तीन किलोमीटर लंबाई की सड़क को पूरी तरह खोद दिया गया,और लगभग 500 मीटर में ही डामर की परत बिछाई गई है। शेष सड़क आज भी अधूरी है। इस संबंध में जब विभाग में पदस्थ अमले से चर्चा की गई तो बताया गया कि ठेकेदार को समय पर भुगतान न किये जाने से यह स्थिति निर्मित हुई है।
मार्ग में फैली गिट्टियां
बारिश होते ही उक्त मार्ग की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। ठेकेदार द्वारा जगह जगह मार्ग के बींचों बीच गिट्टियां डाल कर छोड़ दिया गया है। इसके अलावा कहीं कहीं गड्ढे होने से जलभराव और कीचड़ की स्थिति निर्मित हो गई है। जिससे वाहन चालकों को खासी परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है। लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री एसएस धुर्वे ने कहा कि अगस्त 2018 से मार्च 2019 तक 27 लाख रुपए मिले हैं। जबकि सड़क निर्माण के लिए 2 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं। बजट की इसी कमी के चलते कार्य में विलम्ब हो रहा है। नियमानुसार विभागीय स्तर पर जो कार्रवाई की जा सकती है वह की जा रही है।