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कर्जमाफी के बाद पहुंच रहे वसूली के नोटिस

locationडिंडोरीPublished: Apr 22, 2019 11:03:15 am

Submitted by:

amaresh singh

किसानों के साथ हो रहा छलावा

Recovery Notice Reaching After Debt Waiver

कर्जमाफी के बाद पहुंच रहे वसूली के नोटिस

डिंडोरी। मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही जय किसान ऋण माफी योजना का ढोल पीटा जा रहा है लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट है किसानों के साथ बडा छलावा हो रहा है पहले तो ऋण माफी योजना के तहत किसानों से आवेदन लिये जा रहे हैं इसके बाद उनके पास वसूली के नोटिस पहुंच रहे हैं। जिसके बाद किसानों की फजीहत हो रही है वह परेशान हैं और वायदाखिलाफी से भारी नाराज हैं। ऐसा ही मामला डिंडोरी जनपद पंचायत अंतर्गत सारसताल गांव में सामने आया है। जहां किसान की ऋण माफी के लिये पंचायत के रोजगार सहायक ने बाकायदा उनका फार्म भरा उन्हे ंपावती दी और आश्वस्त किया कि उनकी ऋण की माफी हो गई है लेकिन कुछ दिनों बाद ही जब उनके पास बैंक से वसूली का नोटिस पहुंचा तो किसान के होश उड गये। गांव के गोपाल पिता सम्हर के खाते में 35 हजार रूपये शेष थे। जिसे वह नहीं अदा कर पाये थे, गोपाल ने इसके बाद नये सत्र में एक लाख रूप्ये का अतिरिक्त ऋण भी लिया था कुल एक लाख पैंतीस हजार रूपये का ऋण उनके ऊपर था और इसकी माफी को लेकर सारी प्रक्रिया पंचायत के रोजगार सहायक द्वारा पूरी कराई गई थी। दरअसल गोपाल ने वर्ष 2017-18 में ऋण लिया था और उसमें से कुछ की अदायगी कर दी थी जिसके बाद कुल शेष राशि35 हजार बाकी था। इसके बाद 18-19 सत्र के लिये उन्होंने पुन: एक लाख रूपये ऋण लिया इस बीच ऋण माफी की प्रक्रिया शुरू हुई और गोपाल के ऋण माफी की जानकारी दी गई। अप्रैल माह में जैसे ही वसूली का नोटिस उनके पास पहुंचा तो वह परेशान हो गय।े जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखा अझवार से नोटिस मिलने के बाद जब गोपाल शाखा में पहुंचे तो उन्हें संतोष जनक जवाब नहीं मिला और वह जिला कार्यालय डिंडोरी पहुंचे।
जहां के अमले ने उन्हें दो टूक कह दिया कि उनकी कर्जमाफी नहीं हुई है और उन्हें ऋण चुकाना ही पडेगा। जिसके बाद से वह काफी परेशान हैं। गांव में पहुंच रोजगार सहायक से जानकारी ली तो रोजगार सहायक ने बताया कि उनकी ऋण राशि की माफी हो चुकी है और सूची में नाम आने के बाद ही उनका ऋण माफी का फार्म भराया गया है। दोनों स्थानों पर अलग अलग जवाब मिलने के बाद से परेशानी अधिक बढ गई है कि वह आखिर माने तो किसकी बात। पूरे मामले पर यदि 31 मार्च 2018 की स्थिति तक भी ऋण माफी होने की बात मानें तो भी गोपाल का 35 हजार रूप्ये का ऋण माफी की श्रेणी में आयेगा लेकिन इसे जोडकर वसूली का नोटिस भेजा गया है।
इसके अलावा गांव के कोमल व गनवाही की कोताबाई को भी अझवार शाखा से वसूली नोटिस भेजा गया है। पूरे मामले पर जब अझवार शाखा के स्टाफ से चर्चा की गई तो उन्होंने भी गोलमोल जवाब दिया। जय किसान ऋण माफी योजना के बाद गोपाल जैसे किसानों को इस बात का दुख है कि वह ईमानदारी से पिछले कई वर्षो में लिया गया ऋण समय पर अदा करते आये हैं। कभी बैंक को शिकायत का मौका नहीं दिया। इस बार प्रशासन के द्वारा ही उन्हें ऋण माफी की जानकारी दी गई और वह अदायगी में चूक गये उनका मलाल यह भी है कि जो किसान डिफाल्टर हैं उन्हें उपकृत किया जा रहा है वहीं उन जैसे ईमानदार किसानों को परेशान किया जा रहा है।

इनका कहना है
मुझे जानकारी दी गई कि मेरा ऋण माफ हो गया है जिसके लिये फार्म भी भराया गया था लेकिन अचानक वसूली का नोटिस पहुंच गया। मैं अझवार और डिंडोरी दोनों जगह गया लेकिन वहां कहा गया कि उनका ऋण माफ नहीं होगा और पूरी राशि जमा करनी होगी।
गोपाल, किसान।


शाखा में गोपाल के नाम से कर्ज है और हमें मौखिक निर्देश प्राप्त हुये कि वसूली के नोटिस जारी किये जायें। जिसके बाद कुछ किसानों को हमने नोटिस जारी
किया है।
जेएल प्रजापति, प्रभारी, जिला सहकारी बैंक शाखा, अझवार


गांव के गोपाल पिता सम्हर की ऋण माफी हो गई है सूची में नाम आने के बाद उनका फार्म विधिवत भरकर जमा किया गया है। वसूली का नोटिस कैसे आया इसकी जानकारी नहीं है यदि ऋण माफी के पात्र नहीं होते तो सूची में उनका नाम ही नहीं होता।
उम्मेद सिंह, रोजगार सहायक।

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