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किसानों को राहत: इस जिले में पहुंची 268 मैट्रिक टन डीएपी की खेप

locationडिंडोरीPublished: Jun 27, 2022 02:08:23 pm

Submitted by:

shubham singh

खरीफ फसल की बोवनी में जुटे जिले के किसान

Relief to farmers: 268 metric tons of DAP consignment reached this district

Relief to farmers: 268 metric tons of DAP consignment reached this district

डिंडोरी. मानसूनी बारिश के बाद एक सप्ताह से किसान खेतों की तैयारी के साथ ही खरीफ फसलों की बोवनी में लगे हैं। खाद बीज लेने सोसायटियों में किसानों की भीड़ उमड़ रही है। बोवनी के लिए किसानों को समुचित खाद बीज मिल सके इसके लिए प्रशानिक स्तर पर निर्देश दिए गए थे। इसके बाद भी पिछले दो दिन से सोसायटियों में डीएपी की कमी आ गई थी और किसान डीएपी के लिए भटक रहे थे। जिसके बाद जिले में 268 मैट्रिक टन डीएपी की खेप पहुंची है। नई खेप में से 218 मैट्रिक टन डीएपी जिलेभर की 44 सोसायटियों में पहुंचा दिया गया है। डीएपी का भंडारण हो जाने से अब किल्लत खत्म हो गई है। जबकि जिले में यूरिया का पहले से ही पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है।
प्रति हेक्टेयर 1 बोरी डीएपी, 5 बोरी यूरिया
कृषि विभाग जिले में मौजूद 44 सोसायटियों में खाद बीज की पूर्ति में जुटा है। जिले के 1 लाख 40 हजार किसानों को धान, कोदों कुटकी का बीज नगद में दिया जा रहा है। खाद की कमी न हो इसलिए किसानों को प्रति हेक्टेयर 5 बोरी यूरिया और 1 बोरी डीएपी दिया जाएगा। इसका वितरण जिले के सातों ब्लाकों में मौजूद 44 सोसायटियों से किया जा रहा है। इसके अलावा डिंडोरी और समनापुर में मौजूद 2 खाद गोदामों में भी खाद का भंडारण है।
कोदो-कुटकी का रकबा बढ़ा
जिले में खरीफ बोनी का लक्ष्य कृषि विभाग ने पूर्व में ही निर्धारित कर लिया है। जिसमें धान 126 हजार हेक्टेयर, मक्का 52.2 हेक्टेयर, कोदो-कुटकी 39 हेक्टेयर, उडद 3.6 हेक्टेयर, मूंग 0.4 हेक्टेयर, अरहल 6.7 हेक्टेयर, तिल 0.7 हेक्टेयर, रामतिल 26.5 हेक्टेयर, सोयाबीन 7.5 हेक्टेयर और सन 0.1 हजार हेक्टेयर है। इनमें से धान का रकबा 5 हजार हेक्टेयर और मक्का का 2 हजार हेक्टेयर रकवा घटाया गया है। जबकि रामतिल का 10 व कोदों-कुटकी का 12 और अरहर का रकबा 19 प्रतिशत बढाया गया है।
जिले में खाद की स्थिति
– 2684 मीट्रिक टन यूरिया का भंडारण था जिसमें से 1294 एमटी बंट गया, 1391 एमटी उपलब्ध है। विगत् वर्ष की खपत 4285 एमटी थी।
– 588 एमटी डीएपी भंडारित था, 428 एमटी बंट गया, 160 एमटी बचा था। 268 एमटी की नई खेप आ गई। विगत वर्ष की खपत 3562 एमटी थी।
– 45 किलो के यूरिया बोरी की कीमत 266 रूपये है। वहीं 50 किलो डीएपी बोरी की कीमत 1350 रुपये है।
– एसएसपी, पोटाश, एनपीके का भी भंडारण। एसएसपी 50 किलो बोरी की कीमत 425 रुपए, पोटाश की बोरी 1700 और एनपीके के बोरी की कीमत 1470 रुपए है।
– खरीफ फसल 2022 के लिए खाद का लक्ष्य तय। जिसमें यूरिया 6100 एमटी, सुपर फास्फेट 510 एमटी, पोटाश 100 एमटी, डीएपी 5500 मेट्रिक टन शामिल हैं।
इनका कहना है
डीएपी की खेप जिले में आ गई है। किसानों के लिए खाद बीज की कमी नही है। जिले में किसान खरीफ फसलों की बोवनी में जुटे हैं।
अश्वनी झरिया, उपसंचालक कृषि

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