scriptजारी है रेत का कारोबार, बेखौफ खनन माफिया पर विभाग मेहरबान | Sand business continues, the department smiles on the fearless mining | Patrika News

जारी है रेत का कारोबार, बेखौफ खनन माफिया पर विभाग मेहरबान

locationडिंडोरीPublished: Jun 14, 2020 10:49:05 pm

Submitted by:

Rajkumar yadav

शिकवा शिकायतों के बाद भी रेत उत्खनन व परिवहन पर नहीं लग रहा अंकुश

Sand business continues, the department smiles on the fearless mining mafia

Sand business continues, the department smiles on the fearless mining mafia

डिंडोरी. जिले में चल रहे रेत के अवैध कारोबार के मामले लगातार प्रकाश में आ रहे हैं। इसे लेकर जिले से विभिन्न राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधि भी सामने आये और आवाज को बुलंद किया। बावजूद इसके अब तलक प्रशासन की ओर से कोई सकारात्मक रुख देखने को नही मिला। नतीजतन खनन कारोबारी बेखौफ हो बुढनेर नदी में मशीनों के माध्यम से दिन रात खनन कर रहा है। यदि बीते चौदह दिनों पर निगाह मारी जाये तो 2 से 3 दिन छोडकर अब तलक खनन कारोबारी द्वारा रोजाना 100 से 150 डंपर और ट्रॉलियों के माध्यम से रेत परिवहन किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो राज्य सरकार ने मजदूरो को स्थायी तौर पर रोजगार उपलब्ध कराने मशीनों पर रोक लगा रखी है।
रॉयल्टी में भी खेल
बढी हुई रॉयल्टी को लेकर जिला कांग्रेस अध्यक्ष और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी पदाधिकारियों ने भी जिला प्रशासन से दाम कम किये जाने की मांग की है। लेकिन रॉयल्टी में क्या खेल खेला जा रहा है और क्या खेल खेले जाने की संभावना है इस पर गौर किये जाने की आवश्यकता है। इसे लेकर पूर्व में भी आवाज उठाई गइ। बता दें सभी वाहनों कि भार क्षमता अलग .अलग होती है। लेकिन सामान्य डंपर की ही बात करें जिसमे 9 से 10 घन मीटर रेत आती है। उसमें कारोबारी द्वारा लगभग 7 घन मीटर की रॉयल्टी ही सरकारी खजाने तक पहुंच रही है। मतलब साफ है तीन घन मीटर के पैसे ही हेरा-फेरी बदस्तूर की जा रही है। इस संबंध में जब खनिज निरीक्षक से चर्चा की गई तो उन्होंने मामले को संज्ञान में लेते हुये मामले की तहकीकात किये जाने की बात कही है।
कार्यवाही में देरी
जिला प्रशासन ने मामले को संज्ञान में ले संबंधित विभागों को 3 से चार दिन पहले ही पत्र भेजा है। लेकिन इतने दिनों में भी कार्यवाही नहीं हुई। जिसे लेकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग मामले को लेकर कितना गंभीर है। कलेक्टर द्वारा जारी पत्र के बाद भी मामले में कार्रवाई करने लगातार लेट-लतीफी की जा रही है। शीघ्र ही उक्त मामले में गंभीरता दिखाने की आवश्यकता है। ताकी जिले की बहुमूल्य खनिज संपदा का दोहन होने से रोका जा सके।

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