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समाज ने एक वर्ष से बंद कर रखा है हुक्का पानी

locationडिंडोरीPublished: May 19, 2019 06:50:57 pm

Submitted by:

amaresh singh

मदद करने पर मददगार का हुक्का पानी बंद करने का जारी किया गया है फरमान

Society has kept the hookah water closed for a year

समाज ने एक वर्ष से बंद कर रखा है हुक्का पानी

डिंडोरी। समाज के ठेकेदारो ने एक परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया है। इस परिवार का एक वर्ष से हुक्का पानी बंद कर दिया गया है। जिससे परिवार विकट परिस्थितियों से जूझ रहा है। गांव का कोई भी सदस्य परिवार के किसी भी व्यक्ति से बात नहीं करता। सभी ग्रामवासियों को हुक्मरानों ने अपना आदेश सुना दिया है की परिवार के किसी भी सदस्य से गांव का कोई भी सदस्य अगर बातचीत करता है या फिर अपने पररिवारिक कार्य में आमंत्रित करता है तो उसका भी समाज से हुक्का पानी बंद कर दिया जाएगा। वहीं पीडि़त उजीन लाल नागेश के परिवार को हर दिन अनेकों समस्याओं से जूझना पड़ रहा है पीडि़त परिवार की महिला पूर्व में सांझा चूल्हा माध्यमिक शाला नए गांव में चलाती थी। जहां सभी ग्रामीणों ने एक राय होकर दबाव बनाया कि अगर महिला नागेश सांझा चूल्हा मध्यान्ह भोजन में कार्यरत रहेगी तो स्कूल में पढऩे वाले सभी बच्चे उसके हाथ से बना हुआ खाना नहीं खाएंगे जो भी उसके हाथ का बना हुआ खाना अगर खाता है तो उसके परिवार को भी समाज से बहिष्कृत कर दिया जाएगा। समाज के ठेकेदारों के द्वारा सुनाएं गए फरमान का पालन ग्रामीण मजबूरी बस करने को मजबूर हैं वही पीडि़त परिवार के द्वारा डिंडोरी कोतवाली पहुंचकर समाज के ठेकेदारों के खिलाफ शिकायत भी की है। विगत वर्ष अजय नागेश की पुत्री आरती नागेश 4 वर्ष की मृत्यु सात दो 2018 को कुएं में डूबने से हुई थी मासूम की हत्या की आशंका ग्रामीणों सहित मृतक बच्ची के परिजनों ने जाहिर की थी। जिस पर पुलिस ने मामले पर जांच की और 4 वर्षीय मासूम का पीएम जिला चिकित्सालय में पदस्थ डॉक्टर के द्वारा कराया गया। जिसकी पीएम रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि 4 वर्षीय मासूम की मौत कुएं में डूबने के कारण हुई है लेकिन ग्रामीण और मृतिका के परिजन आज भी हत्या का आरोप मढ रहे हैं।

परिवार का भरण पोषण दिहाड़ी मजदूरी करके कर रहा है
उजीन लाल नागेश की माने तो वह अपने परिवार का भरण पोषण दिहाड़ी मजदूरी करके कर रहा है। उजीन नागेश के परिवार मे उसकी 6 बेटियां भी हैं जिनमें से दो बच्चियों के हाथ पीले हो चुके हैं। ग्रामवासी पीडि़त परिवार की बच्चियों के साथ अपने घरों की बच्चियों को साथ में स्कूल नहीं जाने देते और न ही खेलने देते हैं। बच्चों ने बताया कि स्कूल में उनके साथ पढऩे वाली लड़कियां उनसे बात नहीं करती और जब वह अपने साथ पढऩे वाली बच्चियों से बात करने की कोशिश करती है तो अन्य बच्चियों की ओर से कहा जाता है कि तुम्हारी मां ने हत्या की है जिस कारण हम तुम लोगों से बात नहीं करेंगे और न ही खेलेंगे। पीडि़त परिवार की मानें तो 1 वर्ष पूर्व ग्राम पंचायत में होने वाले निर्माण कार्यों में उनके द्वारा कार्य किया जाता था लेकिन 1 वर्ष से पंचायत में काम खुलने के बाद भी कार्य नहीं कर पा रहे हैं। जब भी पीडि़त परिवार का कोई सदस्य पंचायत के निर्माण कार्यों में मजदूरी करने के लिए पहुंचता है तो सभी ग्रामीण निर्माण कार्य क्षेत्र से चले जाते है।ं ग्रामवासियों के इस प्रकार के रवैये के चलते उन्हें ग्राम में कार्य नहीं मिल रहा है। जिस कारण उनके सामने भूखे मरने की नौबत आ चुकी है। पीडि़त परिवार की मानें तो विगत एक 1 वर्ष से सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहे हैं। पुलिस के द्वारा पूरे मामले की जांच पूर्ण की जा चुकी है फिर भी समाज के ठेकेदारों के द्वारा जो गुनाह परिवार के किसी सदस्य ने किया भी नहीं है उसकी सजा वह लोग भुगत रहे हैं। समाज से बहिष्कृत नागेश परिवार के द्वारा 43 लोगों की शिकायत डिंडोरी कोतवाली पहुंचकर की गई है। पीडि़तों वरिष्ठ अधिकारियों से अब न्याय की उम्मीद है।

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