जिले के करंजिया तहसील क्षेत्र के गांव झनकी दुर्गा मंदिर के नाम पर लगभग 6 एकड़ जमीन दर्ज है, सरकारी रिकार्ड में करीब 50 वर्षों से इस जमीन का रिकॉर्ड था। मंदिर के महंत मुलई सिंह ने राजस्व अमले के साथ सांठगांठ कर मंदिर को अपने नाम करा लिया। कागजों में हेरफेर कर साल 2018-19 में जमीन को सरकारी दस्तावेजों में भी बदल दिया गया।
मंदिर की जमीन हथियाने के लिए मुलई सिंह खुद को कागजों में मां दुर्गा का पिता दिखा दिया। हैरान करने वाली बात तो यह है कि तत्कालीन राजस्व विभाग के पटवारी और आरआई भी इस फर्ज़ीवाड़े में शामिल थे। जब इस मामले की शिकायत जिला कलेक्टर तक पहुंची तो जिला प्रशासन ने मंदिर की जमान को सरकारी रिकॉर्ड में वापस दुर्गा मंदिर के नाम पर दर्ज कर दिया।
अब इस मामले में राजस्व विभाग के जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। प्रशासन ने तत्कालीन पटवारी को शोकाज नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। कि आखिर किस आधार पर लेंड रिकॉर्ड में मंदिर की जमीन को मुलई सिंह के नाम दर्ज किया गया। साथ ही मुलई सिंह के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
जिले में कुछ दिनों पहले ही अमरपुर तहसील के रामगढ़ में श्रीराधाकृष्ण मंदिर के नाम पर दर्ज 30 एकड़ जमीन का फर्जीवाड़ा सामने आया था उस मामले में भी मंदिर के महंत ने खुद को भगवान राधाकृष्ण का पिता दर्शाकर 30 एकड़ जमीन अपने नाम करवा ली थी। जिले में अब तक चार मंदिर और ट्रस्ट की जमीन के रिकार्ड को दुरुस्त किया गया है।