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शराब के नशे में चपरासी करता है.छात्रों से… जानने के लिए पढ़े पूरी खबर

locationडिंडोरीPublished: Mar 14, 2018 04:43:11 pm

Submitted by:

shivmangal singh

जनसुनवाई में शिकायत करने पहुंचे छात्र

The drunken peeper makes liquor. Read the full news to know

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डिंडोरी। जिला मुख्यालय के झुरकी टोला में शासकीय पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जाति छात्रावास के दर्जनों छात्र मंगलवार को जनसुनवाई में शिकायत करने के लिये कलेक्ट्रेट पहुंचे छात्रों के अनुसार यहां पदस्थ चपरासी लालसिंह शराब के नशे में चूर रहता है और छात्रों को प्रताडित करता है। जिससे उन्हें मानसिक पीडा होती है और पढाई में मन नहीं लगता है। छात्रों ने बताया कि चपरासी की हरकतों के संबंध में उन्होनें कई बार अधीक्षक से शिकायत की लेकिन किसी तरह का सुधार नहीं देखा जा रहा है। इसके साथ ही छात्रावास में पढाई के अनुकूल सुविधायें उन्हें नहीं मिल पा रही है, छात्रावास में चारों ओर गंदगी का आलम है भोजन भी गुणवत्ताहीन रहता है रात्रि के समय जब छात्र आते हैं तो देर रात चपरासी शराब के नशे में पहुंच सभी से अभद्र भाषा में बात करता है हद तो तब हो गई जब मंगलवार को दोपहर में एक छात्र ने भोजन के लिये चपरासी से कहा तो उसने उसे गाली गलौज करते हुये मारपीट शुरू कर दी। छात्रों की शिकायत पर एसडीएम ने जांच का भरोसा देते हुये कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
दो साल से शिक्षक नदारत अभिभावक परेशान
डिंडोरी। शिक्षा व्यवस्था जिले में किस तरह बेपटरी है इसका उदाहरण जिले के अधिकांश स्कूलों में देखने को मिल जाता है यहां पूरा सत्र बीतने के बाद भी स्कूलों की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं किया जा सका है कई स्कूल ऐसे हैं जहां शिक्षकों की पदस्थापना ही नहीं है तो कई स्कूलों में शिक्षक हमेशा नदारत रहते हैं। अपने नौनिहालों के भविष्य को दांव पर लगता देख घुसिया रैयत गांव के ग्रामीण कलेक्टर के पास शिकायत करने पहुंचे । ग्रामीणों ने लिखित शिकायत देते हुये बताया कि गांव की प्राथमिक शाला में आशीष कुमार धुर्वे की पदस्थापना है जो 2016 से लगातार ग्रामीणों को परेशान कर रहा है स्कूल से हमेशा नदारत रहने के कारण शिक्षकीय व्यवस्था पर विपरीत असर पड रहा है ग्रामीणों ने इस संबंध में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, सहायक आयुक्त, संकुल प्राचार्य तक को शिकायत की है लेकिन किसी तरह का फायदा नहीं हुआ लिहाजा ग्रामीण जनसुनवाई में शिकायत लेकर पहुंचे। पूरे मसले से एक बात तो स्पष्ट है कि जिला मुख्यालय से महज 25 किमी दूरी पर स्थित स्कूल में व्यवस्था चरमराई हुई है। जबकि सर्व शिक्षा अभियान सहित विभिन्न विभाग का अमला लगातार निरीक्षण करता रहता है। ऐसे मेें दूरस्थ इलाकों के स्कूल का तो भगवान ही मालिक है। जिले में बदहाल व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिये किसी तरह के सार्थक प्रयास प्रशासन द्वारा दिखाई नहीं दिये।
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