आदिवासी महिलाएं अब वेब के समंदर में लगाएंगी गोता, बनेंगी मॉडर्न लेडी
डिंडोरीPublished: Jan 08, 2019 12:58:44 pm
गूगल और टाटा ट्रस्ट के सहयोग से महिलाएं सीखेंगी इंटरनेट, इंटरनेट फ्रेण्डली बनाने के लिए अनूठा प्रयास
डिंडोरी. वह दिन दूर नहीं जब जिले की महिलायें इंटरनेट पर सर्फिंग करती नजर आयेंगी। जिले के पांच ब्लॉकों में गूगल और टाटा ट्रस्ट ने महिलाओं को इंटरनेट से जोडऩे की योजना तैयार की है। जिसका काम फिया फाउण्डेशन को दिया गया है और फिया फाउण्डेशन ने जिले में मानव जीवन विकास समिति को इंटरनेट जागरूकता का काम सौंपा है। इसके तहत जिले के पांच विकासखण्डों के छ: सौ गांवों का चयन किया गया है।
जहां पर 30 इंटरनेट महिला साथी की मदद से गांव की महिलाओं को इंटरनेट की जानकारी दी जायेगी और गूगल के माध्यम से किस तरह जिज्ञासाओं का समाधान पाया जा सकता है इसके लिये इंटरनेट साथियों को दो दो स्मार्ट फोन उपलब्ध कराये जायेंगे। सामान्य तौर पर इंटरनेट की जानकारी देकर महिलाओं को जागरूक करने का यह अभियान छह माह तक चलेगा। जिसके तहत जिले की 1 लाख 5 हजार महिलाओं को इंटरनेट के लिये गूगल में प्रशिक्षित किया जायेगा। इंटरनेट जागरूकता के लिये जिले के डिंडोरी, शहपुरा, बजाग, करंजिया, समनापुर को चिन्हित किया गया है। जहां इंटरनेट साथियों की तलाश की जा रही है। इस काम में जिले के पांच ब्लॉक कोआर्डिनेटर शोभा तिवारी, यवंतिका मरावी, गोपाल रैदास, जय प्रकाश धुर्वे और निधि मालवीय को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिला समन्वयक रामकिशोर चौधरी ने सभी ब्लाक समन्वयकों को उनकी जिम्मेदारी के बारे में जानकारी दी।
मानव जीवन विकास समिति के निर्भय सिंह ने बताया कि जिले के छ: सौ गांवों में प्रत्येक इंटरनेट साथी 700 महिलाओं को प्रशिक्षित करेगी और हर ब्लाक में 30 इंटरनेट साथी होंगी इस हिसाब से यह आंकडा 1 लाख 5 हजार महिलाओं तक पहुंचता है। निर्भय सिंह ने बताया कि यदि एक विकासखण्ड में कनेक्टिविटी के लिये गांव नहीं मिल पायेंगे तो अन्य विकासखण्डों में कनेक्टिविटी वाले गांवों में महिलाओं को प्रशिक्षित किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं में इंटरनेट के प्रति जागरूकता पैदा करना है। जिससे वह सामान्य जानकारियां गूगल के माध्यम से प्राप्त कर सकें। निर्भय सिंह ने बताया कि मण्डला जिले के बिछिया, मण्डला, घुघरी, मोहगांव, नैनपुर और नारायणगंज में भी यह कार्यक्रम चलाया जायेगा और यहां पर छ: विकासखण्ड समन्वयक और 180 इंटरनेट साथी 1 लाख 26 हजार महिलाओं को इंटरनेट व गूगल में प्रशिक्षित करायेंगी।
सकारात्मक बदलाव की उम्मीद
पूरे कार्यक्रम से महिलाओं में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा सकती है क्योंकि आजकल गांव गांव एंड्रायड फोन की पहुंच है। इसके साथ ही डेटा भी रिचार्ज के दौरान मिलता है लेकिन जानकारी के अभाव में यह डेटा व्यर्थ चला जाता है। ऐसे में गांव में महिलायें और लडकियां डेटा का सार्थक उपयोग कर सकेंगी और अपनी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव ला सकेंगी। ग्रामीण इलाकों में प्रतिभाये ंतो बहुत हैं लेकिन उन्हें सही मंच नहीं मिल पाता है और यदि ग्रामीण महिलाओं में इंटरनेट व गूगल के प्रति समझ बढेगी तो वह अपनी प्रतिभाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पहुंचा सकती हैं। कुल मिलाकर पूरा कार्यक्रम महिलाओं के आत्मविश्वास में बढोत्तरी करेगा साथ ही उनके हुनर को निखारने में भी अहम रोल अदा करेगा।