वेयर हाउस में २० क्विंटल अचावल मिला अमानक
एफसीआई जांच टीम ने किया निरीक्षण, कलेक्टर व खाद्य विभाग को सौंपी रिपोर्ट
शासकीय उचित मूल्य दुकानों में थी सप्लाई की तैयारी

डिंडोरी. नागरिक आपूर्ति निगम एवं खाद्य विभाग अपने कारनामों को लेकर एक बार फिर सुर्खिय़ों में है। नागरिक आपूर्ति निगम के वेयर हॉउस में करीब 20 हजार किं्वटल चावल अमानक पाया गया है। पोल खुलने के बाद खाद्य विभाग के अधिकारी नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारीयों को जवाबदार बताते हुये उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की बात कह रहे हैं। वहीं जब इस मामले में नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया तो वह वहां से भाग खड़े हुए। अमानक पाए गए हजारों क्ंिवटल इस चावल को मिलर्स नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारीयों से सांठगांठ कर सरकारी राशन दुकानों में सप्लाई करने के फिराक में थे। जिसकी शिकायत गुण नियंत्रण मुख्यालय भोपाल में कर दी। जिसके बाद जांच टीम डिंडोरी स्थित निगवानी वेयर हाउस पहुंच गई। जहां जांच टीम ने चावल का निरीक्षण किया और जांच टीम ने 19 हजार 440 क्विंटल चावल को अमानक घोषित करते हुये जांच रिपोर्ट खाद्य विभाग एवं कलेक्टर को सौंप दी है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि हजारों क्ंिवटल अमानक चावल वेयर हॉउस के गोदाम तक कैसे पहुंचा। जबकि वेयर हॉउस में खाद्यान्न का निरीक्षण करने खाद्य विभाग द्धारा गुणवत्ता निरीक्षक कर्मचारी तैनात किए जाते हैं। इससे जाहिर होता है कि राईस मिलर्स,नागरिक आपूर्ति निगम एवं खाद्य विभाग के अधिकारी लंबे समय से मिलीभगत कर सरकारी राशन दुकानों में अमानक चावल की सप्लाई कर गरीबों का निवाला छीनकर अपनी जेबें भर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कोई गरीब भूखा न रहे इसके लिए गांव गांव में सरकारी राशन दुकान संचालित की गई हैं। जहां गरीबों को सस्ते दामों में गुणवत्तापूर्ण अनाज दिये जाने शासन जन कल्याणकारी योजना चलाने का दावा करती है लेकिन सिस्टम में बैठे नौकरशाहों की वजह से सरकार की महत्वाकांछी योजना दम तोड़ते नजर आ रही है। इस फजऱ्ीवाड़े की जानकारी सभी को है लेकिन कार्यवाही के नाम पर अब तक सिर्फ जांच ही हो पाई है। जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति प्रकाश धुर्वे ने इस मामले में जिला प्रशासन को आड़े हाथ लेते हुये प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है तो वहीं किसान नेता गंगा पट्टा का कहना है कि किसानों से धान खरीदते वक्त जब सरकार गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखती है तो यही सावधानी गरीबों को चावल देते समय क्यों नहीं रखी जाती है। स्थानीय विधायक व प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री भी सरकारी राशन दुकानों से गरीबों को वितरित किये जाने वाले घटिया अनाज की जानकारी से वाकिफ हैं। वहीं जिले के प्रभारी मंत्री तरुण भानोट मामले की जांच कराने की बात कर रहे हैं जबकि जांच तो पहले ही हो चुकी है।
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