वन विभाग के ईकों सेंटर में युवक ने लगाई फांसी
डिंडोरीPublished: Sep 26, 2018 04:58:37 pm
चीतल के शिकार मामले में युवक ने किया था आत्मसमर्पण
Youth hanged in forest department’s eco center
डिंडोरी। चीतल के शिकार मामले में गिरफ्तार युवक को जिला मुख्यालय स्थित वन विभाग के ईको सेंटर में रखा गया था। जहां युवक ने फांसी लगाकार आत्महत्या कर ली। मृतक का नाम पहोप सिंह निवासी सारसताल बताया गया है। घटना के बाद से वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। सूत्रों की माने तो चीतल के शिकार की घटना 12 सितंबर 2018 को हुई थी। वन अमले ने मुखबिर की सूचना पर जांच शुरू की थी। तब से फरार चल रहे आरोपी पहोप सिंह ने सोमवार को आत्मसमर्पण कर दिया था। विवेचक शिव कुमार साण्डया के अधीन आरोपी को तीन वनरक्षकों व्ही के मिश्रा, जी एस कौरव और ब्रजमोहन कुशवाहा की अभिरक्षा में होने की जानकारी रेंजर ए के नेटी ने दी। युवक के द्वारा लगाई गई फांसी की जानकारी के बाद कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची है। वहीं वन विभाग के बड़े अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। घटना के बाद वन विभाग भी सकते में हैं। जिस स्थान पर आरोपित को रखा गया था उसमें विभाग ने बड़ी लापरवाही दिखाई। जिस कमरे में भारी मात्रा में सामग्री रखी थी उसी में आरोपित को रखा गया और यदि आरोपित ने स्वयं सरेंडर किया था उसके बाद आत्महत्या करना मामले को संदेहास्पद बनाता है। सकते में आये वन अधिकारी अब जांच की बात कह रहे हैं। चूंकि मामला अभिरक्षा में आत्महत्या का था लिहाजा कोतवाली पुलिस ने किसी तरह की कोताही नहीं बरती और जानकारी परिजनों को दी। जिनके समक्ष मृतक को फांसी से उतारा गया। दिन भर ईको सेंटर में गहमा गहमी का माहौल बना रहा बडी संख्या में यहां वन और पुलिस अमले की तैनाती की गई थी। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिवकुमार सिंह, एसडीएम डिंडोरी, नायब तहसीलदार श्री भगत मौजूद रहे। आनन फानन में शाम को मृतक का पीएम करा कर उसे गांव रवाना कर दिया गया। समाचार लिखे जाने तक गांव में भी आक्रोश की खबर प्राप्त हो रही है और परिजनों द्वारा शव को लेने सेइंकार किया जा रहा था। पूरे मामले पर वन अमले की बडी लापरवाही देखने को मिल रही है क्योंकि जिस स्थान पर आरोपी को रखा गया था वहां चारों ओर जूते चप्पल के बोरे रखे हुये हैं। इसके साथ ही आरोपी के साथ वन रक्षक मौजूद नहीं थे। कहने को तो तीन वनरक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी बावजूद इसके आरोपी का फांसी पर झूलना वन अमले की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहा है। आरोपी के साथ गमछे आदि का होना भी वन अमले की लापरवाही का जीता जागता उदाहरण है।
इनका कहना है
— चीतल के शिकार का आरोप मृतक पर है और उसने सोमवार को आत्मसमर्पण किया था। जिसे पूंछताछ के लिये लाया गया था। जिसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी तीन वनरक्षकों की थी। आरोपी द्वारा आत्महत्या किया जाना बडी लापरवाही है और इस मामले पर जांच की जायेगी, जिसकी भी चूक होगी उस पर कार्रवाई की जावेगी।
एम एस उइके, संयुक्त वनमंडलाधिकारी