आंख की लेंस लाइट या इमेज को रेटिना पर फोकस करने में मदद करती है। रेटिना शार्प इमेज प्राप्त करे इसके लिए जरूरी है कि लेंस क्लियर हो। जब लेंस क्लाउडी हो जाता है तो लाइट लेंसों से स्पष्ट रूप से गुजर नहीं पाती जिससे जो इमेज आप देखते हैं वो धुंधली हो जाती है। इसके कारण दृष्टि के बाधित होने को मोतियाबिंद या सफेद मोतिया कहते हैं।
2. डायबिटीज कारण होता है नुकसान
3. शराब अधिक पीने से होता है नुकसान
4. बहुत अधिक सूरज की रौशनी में रहना
5. अनुवांशिक करण भी होत ेहैं
6. हाई ब्लड प्रेशर के कारण
7. मोटापा भी होता है एक कारण
8. आंखों में चोट लगने या सूजन की वजह
9. पहले हुई आंखों की सर्जरी के कारण
10. कार्टिस्टेरॉइड मोडिकेशन का लंबे समय तक इस्तेमाल
11. बहुत ज्यादा स्मोकिंग की आदत
2. बुजुर्गों में निकट दृष्टि दोष में निरंतर बढ़ोतरी
3. रंगों को देखने की क्षमता में बदलाव क्योंकि लेंस एक फ़िल्टर की तरह काम करता है
4. रात में ड्राइविंग में दिक्कत आनाजैसे कि सामने से आती गाड़ी की हैडलाइट से आँखें चैंधियाना
5. दिन के समय आँखें चैंधियाना
6. दोहरी दृष्टि (डबल विज़न)
7. चश्मे के नंबर में अचानक बदलाव आना
चश्मे या लेंस से आपको स्पष्ट दिखाई न दे तो सर्जरी ही एकमात्र विकल्प बचता है। सर्जरी की सलाह तभी दी जाती है जब मोतियाबिंद के कारण आपके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित होने लगती है। सर्जरी में जल्दबाजी न करें, क्योंकि मोतियाबिंद के कारण आंखों को नुकसान नहीं पहुंचाता है, लेकिन अगर आपको डायबिटीज है तो इसमें देरी न करें।