मानक के अनुसार वजन जानने के लिए हर व्यक्ति की बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) निकालते हैं। सामान्य लोगों का बीएमआई 18-25 के बीच होता है जिनका बीएमआई 37.5 से अधिक है, वे वजन घटाने के लिए सर्जरी करा सकते हैं। ऐसे लोगों को मोटापे के कारण बीमारियां होने लगती हैं। पुरुषों की कमर अगर 36 इंच और महिलाओं की 32 इंच से ज्यादा है तो वे मोटापा की श्रेणी में ही आते हैं।
बैरियाट्रिक सर्जरी के बारे में लोग सोचते हैं कि इसमें तुरंत वजन कम हो जाता है। दरअसल इस सर्जरी में केवल आंतों को छोटा किया जाता है जिससे भूख कम लगती है और डाइट कम हो जाती है। इससे धीरे-धीरे वजन घटता है। इसमें मरीज को खानपान-व्यायाम संबंधी सलाह मानने से अच्छे नतीजे मिलते हैं।
वजन घटाने के लिए बैरियाट्रिक सर्जरी को कारगर माना जाता है। सर्जरी के 2-3 दिन बाद ही मरीज की हॉस्पिटल से छुट्टी हो जाती है। मरीज 10-15 दिन बाद से अपने काम पर वापस लौट सकता है। मरीज का वजन कम होने से उसकी दिनचर्या सामान्य होने लगती है। डाइटिंग और दवाइयों से वजन कम करने के कुछ साइड इफेक्ट्स भी होते हैं जो इस सर्जरी से नहीं होते हैं। मरीज का वजन कम होने से उसे डायबिटीज, हाईपरटेंशन, थायरॉइड जैसे मोटापे से होने वाली बीमारियों में राहत मिलती है। मरीज मानसिक और सामाजिक रूप से स्वस्थ महसूस करता है।