scriptवायु प्रदूषण से हो सकती है ये खतरनाक जानलेवा बीमारी | Air pollution can lead to lung cancer | Patrika News

वायु प्रदूषण से हो सकती है ये खतरनाक जानलेवा बीमारी

locationजयपुरPublished: Jun 06, 2019 02:20:47 pm

अगर समय रहते इसका निदान न किया जाए तो ये तेजी से पूरे शरीर में फैलने लगती हैं।

air-pollution-can-lead-to-lung-cancer-1

अगर समय रहते इसका निदान न किया जाए तो ये तेजी से पूरे शरीर में फैलने लगती हैं।

lung cancer , फेफड़ों का कैंसर क्या है?

इस कैंसर में कोशिकाओं की अनियंत्रित तरीके से वृद्धि होने लगती है। अगर समय रहते इसका निदान न किया जाए तो ये तेजी से पूरे शरीर में फैलने लगती हैं।

इस कारण क्या है?
फेफड़ों के कैंसर का मुख्य कारण धूम्रपान है। भारत में फेफड़ों के कैंसर के 87 फीसदी पुरुष व 85 फीसदी महिला रोगियों की हिस्ट्री में सक्रिय तम्बाकू और धूम्रपान का प्रयोग पाया गया है। इसके अलावा कार्सिनोजिनिक रसायन (कैंसर फैलान वाले तत्त्व), पैसिव स्मोकिंग, वायु प्रदूषण, फेफड़ों में संक्रमण होना, घरों में कोयला जलाने और फैमिली हिस्ट्री भी अन्य कारक हैं।

क्या बीड़ी सिगरेट से ज्यादा खतरनाक है?
सिगरेट के मुकाबले बीड़ी में कार्सिनोजिनिक तत्त्व ज्यादा होते हैं। इस कारण बीड़ी से फेफड़ों का कैंसर होने का खतरा अधिक होता है।

इसके लक्षण क्या हैं?
फेफड़ों के कैंसर के लक्षणों में खांसी, खांसी के दौरान खून या गहरे भूरे रंग का कफ आना, थकान, वजन घटने का कारण न पता चलना, बार-बार श्वांस नली से जुड़ा संक्रमण, सांस लेने में तकलीफ और गला बैठ जाना शामिल हैं।

क्या यह लक्षण टीबी की बीमारी से मिलते हैं ?
फेफड़ों के कैंसर के लक्षण काफी हद तक टीबी की बीमारी से मिलते हैं जैसे लगातार खांसी, बलगम में खून आना और छाती में दर्द होना है।

धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
अगर आप 45 वर्ष या इससे ज्यादा उम्र के हैं और लगातार 20 साल से धूम्रपान कर रहे हैं तो आपको प्रतिवर्ष फेफड़ों के कैंसर की जांच करानी चाहिए। सिगरेट पीने से व्यक्ति में फेफड़ों के कैंसर की आशंका 15 से 30 गुना बढ़ जाती है।

फेफड़ों के कैंसर के इलाज में आधुनिक तकनीक कौनसी है?
इस कैंसर का पता समय पर चल जाए तो सर्जरी से इलाज किया जा सकता है। जिसमें खासतौर पर टाइटेनियम से बने सर्जिकल स्टैपलर से फेफड़ों के ट्यूमर को हटाया जाता है। इससे जटिलताओं का स्तर कम होता है। आधुनिक तकनीकों की मदद से सर्जरी काफी सुरक्षित हो गई है। इसमें छाती पर मात्रा छोटा सा चीरा लगाया जाता है्र।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो