नॉर्वे की आर्कटिक यूनिवर्सिटी में कार्यरत व शोध के लेखक ओलेना इकुनच्यकोवा ने कहा कि रक्त में कुछ अणुओं के स्तर को मापने से, हम यह पता लगा पाए हैं कि भारी मात्रा में अल्कोहल की खपत करने वाले लोगों के दिल को, कम पीने वालों की अपेक्षा, क्षति का ज्यादा खतरा रहता है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के पीने की आदतों को भारी / हानिकारक के रूप में परिभाषित करने के लिए कुछ संकेतों का उपयोग किया: एक अवसर पर छह या अधिक पेय, हैंगओवर या नशे में महसूस करना, सुबह सबसे पहले अल्कोहल की तलब, पीने के कारण उनके व्यक्तिगत जीवन में प्रतिकूल परिणाम का अनुभव, पीने से मना करने वाला कोई हितेषी। कोई भी या ये सभी संकेत पीने के स्तर के संकेत थे जो हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
दिल पर अल्कोहल की खपत के अलग-अलग स्तरों के प्रभावों को निर्धारित करने के लिए, शोधकर्ताओं ने वर्ष 2015 से 2018 तक, 35-69 आयु वर्ग के 2,525 वयस्कों के रक्त नमूनों की जांच की।
शोधकर्ताओं ने वयस्कों को उनकी पीने की आदत की रिपाेर्ट के आधार पर वर्गीकृत किया।इसमें न पीने वाले लोग, अल्कोहल का सेवन करने, लेकिन भारी / हानिकारक पीने के संकेत का अनुभव नहीं करने वाले, और भारी पीने से हानिकारक मानदंडों को पूरा करने वाले लोग शामिल थे।
शोध में दिल के सेहत से संबंधित रक्त के तीन महत्वपूर्ण माप शामिल किए गए। इसमें उच्च संवेदनशीलता कार्डिएक ट्रोपोनिन टी—दिल की चोट का एक माप,एन-टर्मिनल प्रो-बी-टाइप नैट्रियूरेटिक पेप्टाइड—कार्डियक दीवार खिंचाव का एक मार्कर और उच्च संवेदनशीलता सी-प्रतिक्रियाशील प्रोटीन, सूजन का एक माप शामिल थे।
शोधकर्ताओं ने पाया कि हानिकारक मापदंड तक अल्कोहल का सेवन करने वाले लोगों में सभी तीन बायोमार्कर का स्तर उच्चतम था। हानिरहित अल्कोहल सेवन करने वाले लोगों की तुलना में हानिकारक तौर पर अल्कोहल का सेवन करने वाले लोगों में दिल की चोट का बायोमार्कर 10.3 प्रतिशत, हृदय की दीवार का खिंचाव 46.7 प्रतिशत, और सूजन 69.2 प्रतिशत अधिक देखा गया।
इकुनच्यकोवा ने कहा कि हमारे परिणाम बताते हैं कि जो लोग भारी मात्रा में शराब पीते हैं, उनके शरीर में सूजन, सामान्य स्तर की तुलना में अधिक मात्रा में पैदा हो रही है जो कि हृदय रोग सहित कई अन्य स्वास्थ्य स्थितियों की एक विस्तृत श्रृंखला से जुड़ा हुआ है।