किसी भी तरह के बुखार के लिए उत्तम औषधि (Dengue Treatment In Hindi )
यदि आपको लंबे से बुखार है और वह ठीक नहीं हो रहा है, तो ऐसे बुखार के लिए गिलोय का जूस रामबाण का काम करता है। दरअसल, गिलोय में ज्वर से लडऩे वाले गुण पाए जाते हैं। गिलोय हमारे शरीर में होने वाली जानलेवा बीमारियों के लक्षणों को उत्पन्न होने से रोकने में बहुत ही सहायक होता है। यह हमारे शरीर में रक्त के प्लेटलेट्स की मात्रा को बढ़ाता है, जो कि किसी भी प्रकार के ज्वर से लडऩे में उपयोगी साबित होता है। डेंगू, चिकनगुनिया जैसे ज्वर में भी गिलोय का रस बहुत ही उपयोगी साबित होता है। यदि मलेरिया के इलाज के लिए गिलोय के रस तथा शहद को बराबर मात्रा में मरीज को दिया जाए, तो मलेरिया को जड़ से खत्म किया जा सकता है।
डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के लिए रामबाण (Dengue malaria, Chikungunya )
गिलोय का इस्तेमाल बुखार को कम करने में विशेष रूप से लाभकारी होता है। गिलोय के रस में शहद मिला कर पीने से बुखार और सर्दी से आराम मिलता है। अगर आपको बहुत ज्यादा बुखार है और बॉडी का टेम्परेचर कम नहीं हो पा रहा हो, तो गिलोय की पत्तियों का काड़ा बना कर पीने से लाभ होता है। गिलोय के सेवन से डेंगू, मलेरिया, स्वाइन फ्लू और चिकनगुनिया को दूर भगा सकते हैं। डेंगू और चिकनगुनिया में ब्लड प्लेट्स की संख्या लगातार गिरने लगती है। गिलोय के चूर्ण को शहद के साथ लेने से इनकी संख्या को बढ़ाया जा सकता हैं। गिलोय का नियमति रूप से इस्तेमाल करने पर आप डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी खतरनाक बीमारी से भी बचे रह सकते हैं।
दर्द में राहत
चिकनगुनिया जैसे वायरल बुखार जो ठीक होने के बाद भी पेशेंट्स महीनों तक जोड़ों के दर्द से परेशान रहते हैं, ऐसे मामलों में गिलोय प्रकृति द्वारा हमें दिया गया एक बेहतरीन उपहार है। इसके रस के सेवन से दर्द छूमंतर हो जाता है।
गिलोय का प्रयोग कैसे करें? How to use Giloy juice
4-5 इंच गिलोय की नर्म टहनियों के साथ एक चम्मच धनिया तथा एक टुकड़ा नीम की छाल का आंतरिक भाग मिला कर काढ़ा बना कर लेना बुखार में फायदेमंद है या गिलोय का 4-5 इंच टुकड़ा लेकर उसके साथ 2-3 तुलसी के पत्ते तथा इतनी ही कालीमिर्च लेकर काढ़ा बना कर पीना भी बुखार में फायदेमंद है अथवा केवल गिलोय का काढ़ा बनाकर पीना भी बुखार में आराम देता है स्वाद के लिए इसमें शहद, गुड़ अथवा चीनी डाल सकते हैं।
कभी नहीं होगा डेंगू Giloy benefits in dengue
प्लेटलेट्स कम होने पर गिलोय के रस के साथ, ऐलावेरा जूस, अनार का जूस तथा पपीते की पत्तियों का रस मिलाकर लेना फायदेमंद माना जाता है। ये घरेलू उपाय तब करें, जब आप डेंगू से पीडि़त हों अन्यथा वैसे आप सिर्फ गिलोय की नर्म टहनियों को उबाल कर इसका जूस पी सकते हैं। इसके सेवन से न सिर्फ किसी तरह बुखार ठीक हो जाएगा, बल्कि इसके लगतार सेवन से भविष्य में डेंगू बुखार होने की संभावना न के बराबर रह जाती है।
नियमित सेवन के लिए ऐसे बनाएं गिलोय का जूस (giloy benefits in malaria)
4-5 नर्म टहनियां तोड़ लाएं। इसके बाद छोटे-छोटे टुकड़े कर लें। एक बर्तन में दो गिलास पानी डालें और उसमें ये टुकड़े डालकर गैस पर उबलने के लिए रख दें। जब उबलकर पानी करीब एक गिलास बचे तब उसे गैस से उतार लें और ठंडा होने के लिए रख दें। जब काढ़ा ठंडा हो जाए, तो छानकर उसका सेवन कर लें। स्वाद के लिए इसमें शहद व गुड़ भी डाल सकते हैं। इस जूस का नियमित सेवन करने से न सिर्फ किसी तरह बुखार कभी आएगा, बल्कि और भी कई बीमारियों में भी ये जूस लाभकारी साबित होगा। ये जूस मोटापा भी कम करेगा और साथ ही चेहरे की चमक भी बढ़ाएगा।