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बर्ड फ्लू से भारत में हुई पहली मौत, जानें कितना खतरनाक है एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस

भारत में कोरोना वायरस का खतरा अभी टला भी नहीं है कि बर्ड फ्लू (Bird Flue) से देश में पहली मौत (Death) हो गई। विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक गंभीर और चिंताजनक बात है।

Jul 21, 2021 / 08:25 pm

Ronak Bhaira

Avian Influenza Viruses: First death reported due to bird flu in India

Avian Influenza Viruses: First death reported due to bird flu in India

नई दिल्ली। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में मंगलवार को एच5एन1 वायरस के कारण हुए ‘एवियन इन्फ्लुएंजा’ (Avian Influenza) यानी ‘बर्ड फ्लू’ से 11 साल के एक लड़के की मौत हो गई। बता दें कि भारत में इस तरह की पहली मौत हुई है और इसे चिकित्सा विशेषज्ञों की ओर से गंभीरता से लिया जा रहा है।
चिकित्सा विशेषज्ञों ने कहा कि एच5एन1 से हुई व्यक्ति की मौत की रिपोर्ट चिंताजनक है और इसकी पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए और तत्काल उपाय किए जाने की जरूरत है।
हालांकि, एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, एम्स में एवियन इन्फ्लुएंजा से संक्रमित कोई दूसरा मरीज नहीं है। वरिष्ठ डॉक्टरों ने कहा कि बर्ड फ्लू (Bird Flu) के कई मामले होने की आशंका है, लेकिन अब तक मृत्युदर बहुत कम है। यह फ्लू के प्रकार पर भी निर्भर करता है, क्योंकि वायरस के विभिन्न स्ट्रेन्स का मानव शरीर पर अलग प्रभाव पड़ता है।
गंभीर है यह मामला
राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. बी.एल. शेरवाल ने कहा, “दिल्ली में भी बर्ड फ्लू के कुछ मामले होने की संभावना है, लेकिन यह पहली बार है, जब इतनी गंभीर बात सामने आई है। एक इंसान की मौत सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल खतरनाक है और इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।”
शेरवाल ने आगे कहा, “इस मामले की बहुत सावधानी से जांच की जानी चाहिए, ताकि इसकी उत्पत्ति का पता लगाया जा सके और इसके बारे में और जानने के लिए जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला में जांच की जा सके। हमें यह जानने की जरूरत है कि यह चिकन या जंगली पक्षी से आया है या नहीं।”
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चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, एवियन इन्फ्लूएंजा (एच5एन1) या एच5एन8 को आमतौर पर बर्ड फ्लू कहा जाता है, हालांकि इसके कई अन्य स्ट्रेन प्रचलित हैं। यह खून की बूंदों, लार और पक्षियों के स्राव से फैलता है।

पोल्ट्री में काम करने वालों को संक्रमण का खतरा ज्यादा
पीएसआरआई अस्पताल की डॉ. नीतू जैन ने कहा, “वायरस सांस द्वारा या नाक, मुंह या आंखों के माध्यम से मानव शरीर में प्रवेश करता है। जब भी कोई व्यक्ति अपने मुंह या नाक को गंदे हाथों से छूता है, तो संक्रमण की संभावना होती है। बर्ड फ्लू एक संक्रामक सांस की बीमारी है और लक्षण सामान्य सर्दी जैसा होता है। हालांकि, बीमारी की गंभीरता हल्की बीमारी से लेकर गंभीर बीमारी तक अलग-अलग होती है। बर्ड फ्लू से मृत्युदर 60 प्रतिशत तक हो सकती है।”
उन्होंने कहा कि आमतौर पर पोल्ट्री में काम करने वाले लोग बर्ड फ्लू से प्रभावित होते हैं।
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डॉ. नीतू जैन ने कहा कि जो लोग नियमित रूप से पक्षियों के संपर्क में रहते हैं, उन्हें सालाना फ्लू का टीका लगवाना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह बर्ड फ्लू को नहीं रोकेगा, लेकिन अन्य फ्लू वायरस के साथ सह-संक्रमण के जोखिम को कम कर सकता है।”

एम्स ने क्या कहा
एम्स के मुताबिक, मंगलवार को वहां जिस लड़के की मौत हुई, वह एच5एन1 वायरस से संक्रमित था और हरियाणा का रहने वाला था। उसे 2 जुलाई को निमोनिया और ल्यूकेमिया के साथ भर्ती कराया गया था।

एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की एक टीम को हरियाणा के लड़के के गांव में एच5एन1 के और मामलों की जांच करने और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए भेजा गया है।

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