एक साल तक रोटी से परहेज कराया
बस्सीPublished: May 02, 2019 12:55:30 pm
केस स्टडी एंड डॉक्टर्स ओपीनियन: ब्लड और यूरिन जांच कराने पर पता चला कि उसके दोनों गुर्दे फेल हो गए हैं।
दूषित खून हो सकता था कारण
करीब 6 साल पहले एक २8 वर्षीय महिला मेरे पास आई जिसकी दोनों गुर्दे फेल हो चुके थे। असल में डिलीवरी के 20 दिन बाद उसे काफी ब्लीडिंग हुई थी। जिस वजह से उसे दिल्ली के एक निजी अस्पताल में ले गए। ब्लड और यूरिन जांच कराने पर पता चला कि उसके दोनों गुर्दे फेल हो गए हैं। आशंका डिलीवरी के बाद चढ़ाए गए दूषित खून की जताई जा रही थी लेकिन यह पुख्ता कारण नहीं था। वहां 7-8 बार डायलिसिस करवाने के बाद भी फर्क न पड़ने पर डॉक्टर ने किडनी ट्रांसप्लांट के लिए कहा। इसी बीच पड़ोस के एक परिचित ने मेरे पास आने की सलाह दी। यहां आने पर मैंने उसकी सभी रिपोर्ट देखी। उसका चार माह का बच्चा था तो बार-बार दिल्ली से जयपुर इलाज के लिए आना संभव नहीं था। ऐसे में उसका पति हर माह की रिपोर्ट के साथ मेरे पास आता। मैंने इलाज शुरू होने से पहले ही बता दिया था कि अनुशासित रूप से काढ़े व दवाएं लेने के साथ एहतियात बरतना जरूरी होगा।
दलिया और फल खाने के लिए बताया
इलाज के तौर पर मैंने उसे जड़ी-बूटियों का पाउडर और गोलियां दी। पाउडर का काढ़ा बनाकर सुबह खाली पेट इससे गोलियां लेने को कहा और भोजन के बाद गाय के दूध से दोबारा गोलियां लेने की सलाह दी। इस दौरान एक साल तक भोजन में रोटी खाने की मनाही थी। केवल दलिया और फल खाने के लिए बताया गया था। बीच-बीच में मुनक्के से तैयार चटनी से भी दवा लेने के लिए कहा गया। एक साल बाद आहार में आधी रोटी शामिल की गई। हर माह के बाद उस महिला के पति द्वारा लाई गई जांचों की रिपोर्ट के हिसाब से उसके इलाज में बदलाव किए जाते थे। धीरे-धीरे स्वास्थ्य में सुधार होने लगा और डायलिसिस बंद हो गया। उस महिला ने अनुशासित रूप से पूरा इलाज लिया जिस कारण वह अब सेहतमंद है और सभी रिपोर्ट सामान्य हैं।
वैद्य उर्मिला शर्मा, नाड़ी चिकित्सक