रोग और उपचार

आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए जान लें ये आयुर्वेदिक उपचार

आयुर्वेद के ग्रंथों में नेत्र रक्षा के विभिन्न उपायों का वर्णन किया गया है। आइए जानते हैं उनके बारे में।

Feb 14, 2019 / 01:09 pm

विकास गुप्ता

आंखें

यूं तो शरीर का हर एक अंग महत्वपूर्ण होता है लेकिन आंखों के बिना जीवन अधूरा लगता है। आयुर्वेद के ग्रंथों में नेत्र रक्षा के विभिन्न उपायों का वर्णन किया गया है। आइए जानते हैं उनके बारे में।

हरीतकी, बहेड़ा और आंवला का नियमित प्रयोग नेत्र ज्योति को बढ़ाता है। इन तीनों चूर्ण के मिश्रण की 3-6 ग्राम मात्रा रोजाना ली जा सकती है।

त्रिफला के क्वाथ से रोजाना आंखों को धोने से नेत्र रोग दूर होते हैं। त्रिफला क्वाथ को शहद या घी के साथ लेने से भी नेत्र रोगों में लाभ होता है। त्रिफला चूर्ण को एक भाग घी व तीन भाग शहद के साथ लेने से लाभ होता है।

रोजाना एक चम्मच शहद खाने से भी आंखों की रोशनी दुरुस्त रहती है। लेकिन ध्यान रहे कि शहद शुद्ध हो।
सुश्रुत संहिता के अनुसार रतौंधी यानी रात के अंधेपन के लिए अगस्त्य वृक्ष के फूल उपयोगी होते हैं। इन फूलों को पानी में भिगो दें कुछ देर बाद इन्हें मसलकर बंद आंखों पर रखें।

आंखों को स्वस्थ रखने के लिए मुंह में ठंडा पानी भरकर तीन बार आंखों पर पानी के छींटे डालें।
पांव के तलवों की रोजाना मालिश करने से भी आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसके लिए नारियल तेल या तिल का तेल फायदेमंद होता है।
तला हुआ भोजन आंखों को नुकसान पहुंचाता है, जबकि दूध में पका हुआ अन्न आंखों के लिए लाभकारी होता है। ठंडी खीर में शहद मिलाकर सुबह-सुबह खाने से आंखों की रोशनी दुरुस्त रहती है।

आंखों को सेहतमंद बनाए रखने के लिए देर रात भोजन करने से बचें और गरिष्ठ भोजन से भी परहेज करें।
भेषज रत्नावली ग्रंथ के अनुसार जौ का नियमित प्रयोग आंखों को ठीक रखता है। इसके लिए पांच किलो गेहूं के आटे में एक किलो जौ का प्रयोग किया जा सकता है।

मूंग की दाल भी नेत्र ज्योति को स्वस्थ बनाए रखती है। इसके सेवन करना चाहिए।
शुद्ध घी को लोहे के बर्तन में रखना चाहिए। इस घी के प्रयोग से आंखों की रोशनी बनी रहती है। पुराने लेकिन शुद्ध घी की दो-दो बूंदें नाक में डालने से भी लाभ होता है।

Home / Health / Disease and Conditions / आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए जान लें ये आयुर्वेदिक उपचार

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.