scriptप्रेग्नेंसी के दौरान इन खतरों से रहे सावधान | Be careful of these dangers during pregnancy | Patrika News

प्रेग्नेंसी के दौरान इन खतरों से रहे सावधान

locationजयपुरPublished: Mar 22, 2018 12:24:38 am

प्रेग्नेंसी के नौ महीने बड़े नाजुक होते हैं। इस दौरान गिर पडऩा या सीढ़ी आदि से लुढक़ जाना न सिर्फ आपके लिए घातक हो सकता है।

प्रेग्नेंसी

प्रेग्नेंसी के नौ महीने बड़े नाजुक होते हैं। इस दौरान गिर पडऩा या सीढ़ी आदि से लुढक़ जाना न सिर्फ आपके लिए घातक हो सकता है। बल्कि गर्भस्थ शिशु का जीवन भी खतरे में पड़ सकता है। इसलिए इस दौरान जरा सतर्क रहने की जरूरत है-

टंबल प्रूफ हो घर
पेट भारी होने की वजह से इस पीरियड में आपका ग्रेविटी सेंटर बदल जाता है, नतीजतन संतुलन बिगडऩे के चांस बढ़ जाते हैं। माना कि शिशु बच्चेदानी में काफी सुरक्षित रहता है लेकिन इसके बावजूद पेट पर अधिक चोट लग जाए, तो समयपूर्व प्रसव या गर्भपात होने का डर रहता है। इसलिए बहुत जरूरी है कि आप अपने घर को टम्बल या ट्रिप प्रूफ बनाएं। दरी, चटाई, कालीन आदि में धागे निकले हुए हों, वह बीच में कहीं से फटी हुई हो या उधड़ी हुई हो, तो उसे तुरंत ठीक करें या हटाएं। किचन और बाथरूम का फर्श चिकनाई रहित व सूखा रखें। रास्ते में सामान बिखरा हुआ न रहे, इसका ध्यान रखें। घर में, बरामदे में या पिछवाड़े के अहाते में रोशनी पर्याप्त हो ऐसी व्यवस्था रखें। उलझे हुए इलेक्ट्रिक तार या रस्सी रास्ते में न रखें।

देख कर चलें
घर में हो या रास्ते में, हमेशा देखकर चलें। न सिर्फ वाहन आदि से बल्कि अचानक कोई कुत्ता , बिल्ली या गाय जैसा पशु आपके रास्ते में न आ जाए। कीचड़ या पानी फैला हो, तो बाहर जाने से बचें। सीढिय़ों पर चढ़ते या उतरते समय अपना पूरा ध्यान उन पर ही केंद्रित रखें।

अगर गिर जाएं…
तमाम सावधानियों के बावजूद अगर आप गिर जाएं तो सबसे पहले खुद को संभालें। फिर देखें कि क्या आप सामान्य रूप से चल फिर सकती हैं? क्या आपका शिशु सही तरीके से हिल डुल रहा है? अगर आपके ब्लीडिंग की शिकायत है, पेट मे दर्द है या पेट में तेज चोट लगी है, तो बिना वक्त गंवाए अपने डॉक्टर से संपर्क करेंं।

फुटवेयर हो कम्फर्टेबल
इन नौ महीनों में आपको ऊंची हील वाली सैंडिल पहनना बिल्कुल छोड़ देना चाहिए। इनसे संतुलन बिगडऩे और गिरने का खतरा बढ़ जाता है। इस अवधि में आपको फ्लैट्स या स्लीपर्स ही पहननी चाहिए. चप्पल ज्यादा ढीली या तंग न पहनें बल्कि साइज के अनुरूप ही पहनें।

जब सिर चकराए, तो बैठ जाएं
इस अवधि में शरीर में तरह-तरह की उथल पुथल होती रहती है। डिहाइड्रेशन होता है, शरीर की ओवरहीटिंग हो जाती है और ब्लडशुगर कई बार गिर जाता है। इससे कभी उनींदापन, तो कभी सिर चकराने की शिकायत होती है। पौष्टिक भोजन करें, कपड़े ढीले ढाले पहनें। बच्चेदानी का आकार बढऩे से यह कुछ मुख्य ब्लड वेसल्स पर दबाव डालती है। ऐसे में अचानक उठने से सिर चकरा सकता है। इसलिए जो करें स्लो मोशन में करें।

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