रोग और उपचार

हीरे की ब्लेड से हटाते कैल्शियम ब्लॉकेज

हृदय की मुख्य तीन नलियों में कैल्शियम का स्तर बढऩे पर कोलेस्ट्रॉल की लेयर बनने लगती हैं। धीरे-धीरे यह कठोर होकर ब्लॉकेज का रूप ले लेती हैं। ऐसी स्थिति में रोटाब्लेशन एंजियोप्लास्टी तकनीक की मदद से इस ब्लॉकेज को हटाया जाता है।

जयपुरMay 21, 2019 / 01:32 pm

Jitendra Rangey

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रोटाब्लेशन एंजियोप्लास्टी : इस तकनीक में रोटाब्लेशन मशीन का प्रयोग होता है। यह एक ड्रिल मशीन की तरह काम करती है। ड्रिल की ब्लेड हीरे से बनी होती है जो धमनियों के अंदर एक लाख चालीस हजार से दो लाख आरपीएम (रोटेशन पर मिनट) पर घूमते हुए कैल्शियम की परत को काटती है। इसके बाद स्टेंट लगाकर ब्लॉकेज को पूरी तरह से हटाया जाता है। इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता।
रोग की वजह : अधिकतर 25 वर्ष की उम्र के बाद व्यक्तियों में शारीरिक गतिविधियों के अभाव और खानपान में तली-भुनी व मसालेदार चीजें खाने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता जाता है। इस वजह से धमनियों में कैल्शियम का ठीक से संचार नहीं हो पाता और यह परत दर परत जमने लगता है। ऐसे में मरीजों को शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित करने की सलाह दी जाती है। साथ ही शारीरिक गतिविधियां बढ़ाने की बात भी कही जाती है।
तकनीक का फायदा : करीब 30 मिनट तक चलने वाली सर्जरी और दस से बारह घंटे की ऑब्जर्वेशन के बाद मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज कर देते हैं।
डॉ. सुबु्रतो मंडल, हृदय रोग विशेषज्ञ

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