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लार की जांच कर करेंगे दमा की पुष्टि

locationजयपुरPublished: Jun 20, 2019 09:07:43 am

Submitted by:

Jitendra Rangey

देश में दमा से पीड़ितों की संख्या बढ़ती जा रही है। दमे के स्थायी उपचार के लिए दुनियाभर में शोध कार्य जारी हैं, पर मौजूदा उपचार विकल्पों से भी दमे को नियंत्रित रखते हुए मरीज सामान्य जीवन जी सकते हैं।

asthma

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क्या है दमा
सामान्य शब्दों में दमे से आशय सांस लेने की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होना है। यह ऐसी स्थिति है, जिसमें श्वास नलिकाएं इनफ्लेम्ड (एलर्जी के कारण आने वाली लाली व सूजन) हो जाती हैं, जिससे श्वास नली तंग हो जाती है और सांस लेने में परेशानी होती है।
दमे के लक्षण
सुबह और रात के समय खासतौर पर जुकाम व खांसी की समस्या देखने को मिलती है। लगातार बलगम-खांसी रहना, जोर-जोर से सांस लेना, सांस लेने में आवाज आना, पैदल चलने या काम करते समय सांस फूलना व छाती में जकड़न जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। ऑक्सीजन स्तर कम होने या बाहरी एलर्जिक तत्वों के संपर्क में आने से यह समस्या बढ़ जाती है, जिसे अस्थमा अटैक कहा जाता है। आमतौर पर मौसम बदलने, अत्याधिक ठंड, गर्मी व बरसात के समय में यह अधिक होता है। अपर्याप्त नींद, आंखों से पानी बहना, छाती में जकड़न, नाक बहना आदि लक्षण होते हैं।
नए शोध हो रहे हैं
मरीजों में अस्थमा की पुष्टि मात्र उनके लार की जांच (सलाइवा टैस्ट) से हो सकेगी। लंदन की लॉफबोरफ यूनिवर्सिटी के प्रो. कोलीन सीजर के मुताबिक, दमा पर हुए एक शोध में स्वस्थ व अस्थमा से पीड़ि़त लोगों की लार का सैंपल लिया गया। इसका लिक्विड क्रोमेटोग्राफी मास स्पेक्ट्रोमेट्री एनालिसिस किया जिसमें मेटाबॉलिक बायोमार्कर्स की उपस्थिति को जांचा गया। इनकी उपस्थिति से इस रोग की पुष्टि की जाती है। अभी दमा का पता लगाने के लिए पल्मोनरी फंक्शन टैस्ट, ब्लड-यूरिन टैस्ट कराना पड़ता है। इससे मरीजों को दर्द और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह शोध अभी जारी है।
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