डेंगू बुखार मच्छर के कारण फैलने वाली बीमारी है। एडीज एजिप्टी प्रजाति के मच्छर डेंगू वायरस के वाहक होते है। यदि किसी को डेंगू हो जाए तो अपनाएं ये घरेलू नुस्खे तुरंत मिलेगा फायदा…
डेंगू बुखार – Dengue Fever
डेंगू बुखार मच्छर के कारण फैलने वाली बीमारी है। एडीज एजिप्टी प्रजाति के मच्छर डेंगू वायरस के वाहक होते है। ये मच्छर दिन में काटता है और साफ पानी में पैदा होता है। यदि किसी व्यक्ति को डेंगू बुखार है और उसे यह मच्छर काट ले तो उस मच्छर में डेंगू वायरस प्रवेश कर जाता है। अब ये मच्छर जिसको भी काटेगा उसे डेंगू बुखार हो सकता है। डेंगू होने यही मुख्य कारण होता है। सीधे तौर पर एक व्यक्ति से दूसरे को डेंगू नहीं होता है। यानि साथ खाने पीने से या छूने से डेंगू नहीं होता। डेंगू से पीड़ित व्यक्ति का रक्त यदि किसी को चढ़ जाए तो उसे डेंगू होने की ये एकमात्र वजह बन सकती है।
भारत में हर वर्ष हजारों लोगों को डेंगू हो जाता है। कई बार यह महामारी का रूप भी ले लेता है। डेंगू बुखार होना पिछले कुछ वर्षों में बहुत बढ़ गया है। इसे फ़ैलाने वाला एडीज मच्छर गर्मी और नमी वाली जगह पनपता है। बारिश बंद होने के बाद धूप से गर्मी और उमस तो होती ही है साथ ही ये मौसम मच्छर के लिए बहुत अनुकूल होता है। थोड़ा सा भी पानी जहां होगा वहाँ बड़ी तेजी से मच्छर पनपने लगते है। इन मच्छरों के कारण ही डेंगू , मलेरिया जैसी बीमारियां इस मौसम में बहुत ज्यादा होती है।
डेंगू बुखार की पहचान-Symptoms of Dengue Fever
-अचानक तेज बुखार।
-तेज सिर दर्द सामने की तरफ।
-मसल्स और जोइंट्स में बहुत तेज दर्द ( इतना तेज कि इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहते है ) ।
-आंखों में पीछे की तरफ दर्द।
-शरीर पर लाल रंग के चकत्ते ( पहले पैरों पर फिर छाती पर या कभी कभी पूरे शरीर पर ) ।
-दस्त लगना , पेट दुखना।
-कमजोरी।
-चक्कर आना।
-भूख बंद होना।
-रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या में कमी।
डेंगू के इन लक्षणों ( Symptoms of Dengue Fever) को पहचानने के बाद रक्त की जांच करवाने से डेंगू रोग की पुष्टि हो जाती है। सामान्य व्यक्ति में प्लेटलेट्स की संख्या ‘1 .5 लाख से 4.5 लाख’ के बीच होती है। डेंगू होने पर ये संख्या एक लाख से कम हो जाती है। प्लेटलेट्स 50 हजार से कम हो जाये तो डॉक्टर एडमिट होने की सलाह देते है। 20 हजार से कम होने पर प्लेटलेट्स चढ़ाने पड़ सकते है।
कभी कभी कुछ लक्षण ( Symptoms of Dengue) जैसे स्किन पर लाल चकत्ते आदि नहीं भी होते है । ऐसे में इसकी पहचान मुश्किल से हो पाती है।
यदि नाक नकसीर या मसूड़ों से खून आने लगे , बार बार उल्टी हो , उल्टी के साथ खून आए, काले रंग के दस्त आए , सांस लेने में तकलीफ महसूस हो तो सतर्क हो जाना चाहिए। इसका तुरंत इलाज होना चाहिए।
डेंगू होने पर इलाज –Treatment of Dengue
डेंगू बुखार तीन चार दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। या सात आठ दिन भी लग सकते है। लेकिन इसके कारण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। दस्त के कारण शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है। डेंगू होने पर पानी की कमी नहीं हो इसका ध्यान रखना चाहिए।
इसके अलावा इलेक्ट्रोलाइट्स यानि पोटेशियम , सोडियम , क्लोराइड , मैग्नेशियम आदि तत्व की कमी ना हो इसका भी ध्यान रखा जाना जरूरी होता है। विटामिन C सी भरपूर चीजें लेनी चाहिए जैसे ऑरेन्ज , अमरुद आदि। डेंगू बुखार में घरेलु नुस्खे बड़े ही कारगर साबित होते है।
इन्हें अवश्य काम में लेना चाहिए। डेंगू बुखार का उपचार करने में ये विधि बहुत लाभदायक सिद्ध हुई है।
-गिलोय का डंडी , पपीते की कोमल पत्ती और कालमेघ के पत्ते इन तीनों को पानी में उबाल कर काढ़ा बना लें। यह काढ़ा दिन में चार बार ले। तथा चार चम्मच ग्वार पाठे का रस दिन में तीन बार पियें। इससे तीन चार दिन में डेंगू ठीक हो जाता है। डेंगू का ये बहुत ही कारगर , सस्ता और सुलभ इलाज है। कई बार डॉक्टर भी इसे लेने की सलाह देते है। साथ ही उबाल कर ठंडा किया हुआ चार पांच लीटर पानी रोज पीना चाहिए। इस पानी में थोड़ी मात्रा में ग्लूकोज़ मिला सकते है।
-तेल , घी , चिकनाई , तेज मिर्च मसाले आदि से परहेज रखना चाहिए। दलिया , खिचड़ी आदि हल्का भोजन लेना चाहिए। पपीता, अमरुद सेब, संतरा, अनार, गाजर का रस, नारियल पानी , आदि लेने चाहिए। विशेषकर पका हुआ पपीता अच्छा रहता है । पपीते की सब्जी भी ले सकते है। उबला पपीता खा सकते है।
-गिलोय की साफ और धुली हुई डंडी लगभग 10 ग्राम एक गिलास पानी में डालकर उबालें। जब पानी आधा कप रह जाये तो छान कर लें। ठंडा होने पर पियें। इससे प्लेटलेट्स की संख्या में बढ़ोतरी होती है।
-पपीते के ताजा कोमल पत्ते का रस दिन में चार बार दो दो चम्मच लेने से प्लेटलेट्स तेजी के साथ बढ़ते है।
-तुलसी के पत्ते पीस कर पानी के साथ लेने से बुखार में आराम मिलता है। प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनती है।
डेंगू से बचने के तरीके-Dengue Prevention
डेंगू से बचने का तरीका यही है की मच्छर से बचा जाये । मच्छर की रोकथाम करने से ही डेंगू पर काबू पाया जा सकता है। यदि थोड़ा सा भी पानी कहीं इकट्ठा है तो वहां मच्छर पनप सकते है। इसलिए बारिश के बाद आस पास पानी जमा ना हो इसका ध्यान रखें। टायर , बोतल, कूलर , गमले आदि में बारिश का पानी जमा हो गया है उसे सुखाएं। कूलर का पानी बदलते रहें ताकि उसमे मच्छर पैदा ना हो पाये । यदि पानी सूखा ना सकें तो वहां थोड़ा मिट्टी का तेल डाल दे। इससे मच्छर पैदा नहीं होंगे।
खुद का बचाव भी जरुरी है। इसके लिए मच्छरदानी, मच्छर वाली क्रीम, आदि का उपयोग मच्छरों से बचने के लिए करना चाहिए। जहां तक संभव हो पूरा शरीर ढका रहे ऐसे कपड़े पहने। बाहर से मच्छर घर के अंदर ना आने पाए उसके लिए खिड़की पर जाली होनी जरुरी है। आस पास तुलसी के पौधे लगाएं। तुलसी के कारण मच्छर के लार्वा नष्ट हो जाते है। घर के अंदर कपूर जलाकर इसकी धुआं सब तरफ करें । इसकी गंध मच्छर को भगा देती है। नीम के तेल का दीपक जलाएं। जब तक दीपक जलेगा मच्छर नहीं आएंगे।