जानवर द्वारा काटी हुई जगह पर सनसनाहट होना प्रारंभिक लक्षण है। इसके अलावा तेज बुखार, गले में खराश, सिरदर्द होने पर सतर्कता जरूरी है। तुरंत डॉक्टरी परामर्श लें। गंभीर अवस्था
एक बार ठीक होने के बाद भी यदि सनसनाहट महसूस हो तो यह गंभीर अवस्था हो सकती है। मरीज को बहुत पसीना आना, आंखों से पानी आना, हवा या पानी से डर, स्वभाव में चिड़चिड़ापन, मौत का डर रहता है। काटने के बाद जरूरी नहीं कि वायरस तुरंत असर करे, कई बार 20-60 दिनों के अलावा माह या सालों में भी इसका असर लक्षण बनकर उभरता है। यह काटी गई जगह पर निर्भर करता है। इसलिए काटने के तुरंत बाद डॉक्टर को दिखाएं ।
फर्स्ट एड के तौर पर डॉग बाइट के घाव को साबुन और पानी से करीब 10 मिनट लगातार धोएं। आयोडीन या टिंचर को घाव पर डालें। ड्रेसिंग न करें। इसके बाद विशेषज्ञ के पास जाएं। पालतू जानवर के व्यवहार में करीब 10 दिनों तक बदलाव महसूस हो तो सावधानी बरतें। कई बार टीके लगे जानवर के काटने से भी वायरस होता है। कारण ये जानवर गर्म खून के होते हैं जो वैक्सीन के असर को भी कम कर देते हैं।