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रोग और उपचार

Rabies Disease – कुत्ते-बंदर के काटने पर 72 घंटे में डॉक्टर काे दिखाना जरूरी

कुत्ता, बिल्ली, लोमड़ी, लकड़बग्घा, गीदड़, नेवला व भेडिया ऐसे जानवर हैं जिनके काटने से जानलेवा वायरल बीमारी होती है। जिसे रेबीज कहते हैं

जयपुरAug 18, 2019 / 09:28 am

युवराज सिंह

rabies disease

Rabies Disease – कुत्ते-बंदर के काटने पर 72 घंटे में डॉक्टर काे दिखाना जरूरी

कुत्ता, बिल्ली, लोमड़ी, लकड़बग्घा, गीदड़, नेवला व भेडिया ऐसे जानवर हैं जिनके काटने से जानलेवा वायरल बीमारी होती है। जिसे रेबीज कहते हैं। जानवर के काटने यानी एनिमल बाइट के बाद 72 घंटे में विशेषज्ञ से संपर्क कर इलाज न लिया जाए तो मरीज की मौत तक हो सकती है। कई शोधों और रोगियों की संख्या देखकर सामने आया है कि रेबीज के 91.4 प्रतिशत मामले केवल कुत्ते के काटने के होते हैं। पालतू जानवर होने के बावजूद 40 प्रतिशत डॉग ऐसे हैं जिन्हें एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं लगवाई जाती है।विशेषज्ञों से जानिए एनिमल बाइट के इलाज एवं सावधानी के बारे में :-
लक्षण पहचानें ( Rabies symptoms )
जानवर द्वारा काटी हुई जगह पर सनसनाहट होना प्रारंभिक लक्षण है। इसके अलावा तेज बुखार, गले में खराश, सिरदर्द होने पर सतर्कता जरूरी है। तुरंत डॉक्टरी परामर्श लें।

गंभीर अवस्था
एक बार ठीक होने के बाद भी यदि सनसनाहट महसूस हो तो यह गंभीर अवस्था हो सकती है। मरीज को बहुत पसीना आना, आंखों से पानी आना, हवा या पानी से डर, स्वभाव में चिड़चिड़ापन, मौत का डर रहता है। काटने के बाद जरूरी नहीं कि वायरस तुरंत असर करे, कई बार 20-60 दिनों के अलावा माह या सालों में भी इसका असर लक्षण बनकर उभरता है। यह काटी गई जगह पर निर्भर करता है। इसलिए काटने के तुरंत बाद डॉक्टर को दिखाएं ।
सावधानी बरतें
फर्स्ट एड के तौर पर डॉग बाइट के घाव को साबुन और पानी से करीब 10 मिनट लगातार धोएं। आयोडीन या टिंचर को घाव पर डालें। ड्रेसिंग न करें। इसके बाद विशेषज्ञ के पास जाएं। पालतू जानवर के व्यवहार में करीब 10 दिनों तक बदलाव महसूस हो तो सावधानी बरतें। कई बार टीके लगे जानवर के काटने से भी वायरस होता है। कारण ये जानवर गर्म खून के होते हैं जो वैक्सीन के असर को भी कम कर देते हैं।
इलाज ( Rabies Treatment ) : काटने के तुरंत बाद विशेषज्ञ मरीज को एंटी रेबीज वैक्सीन लगाते हैं। जिसे तीसरे, चौथे और सातवें दिन दोबारा लगाते हैं। जरूरत के अनुसार एंटीवायरल दवा भी देते हैं।
घरेलू इलाज : डॉग बाइट पर पानी से धोने के बाद त्रिफला या नीम काढ़ा से धोएं।

इनका भी ध्यान रखें : कई बार सांप या बिच्छू के डसने, छिपकली, ततैया, मधुमक्खी, चूहे जैसे जानवरों से भी परेशानी बढ़ सकती है। हालांकि ये जीव ज्यादा जहरीले नहीं होते। लेकिन फिर भी डॉक्टरी परामर्श लेकर इलाज लेना जरूरी है।

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