व्यायाम के लिए समय नहीं
हमारी दादी-नानी घर के काम करते हुए ही एक्सरसाइज कर लेती थीं लेकिन आजकल घरों में ऐसे उपकरण मौजूद हैं कि बिना परिश्रम किए मिनटों में ही सारे काम हो जाते हैं। हमने पैदल चलना लगभग छोड़ दिया है। घर के हर वयस्क सदस्य के पास अपनी बाइक या स्कूटर है। परिवार को थोड़ी दूर भी जाना हो तो हम चौपहिया निकाल लेते हैं। लेकिन इस लाइफस्टाइल की वजह से हम मोटापे, निष्क्रियता और आलस जैसी आदतों के शिकार हो गए हैं। इसी के चलते हृदय संबंधी रोग, डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर, ऑस्टियोपोरोसिस, किडनी रोग, कमरदर्द, साइटिका और अवसाद जैसे रोग आम हो गए हैं। अब लोग देर रात तक जागते हैं और सुबह देर से उठते हैं। प्रोफेशनल लाइफ में सबके पास एक ही बहाना है कि ‘समय नहीं है, एक्सरसाइज कब करें’।
खुद के लिए समय निकालें
कई शोधों में पाया गया है कि व्यायाम व दिनचर्या में बदलाव से कई रोगों से बचा जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि आप खुद के लिए रोजाना 30 मिनट निकालें और पैदल चलें या ऐसी कोई एक्सरसाइज करें जो वजन को नियंत्रित रख सके। इन सभी के लिए जरूरी है कि आप समय का प्रबंधन ठीक से करें।
एहतियात अपनाएं
हाई ब्लड प्रेशर के मरीज ऐसे व्यायाम न करें जिससे सांस फूले जैसे जॉगिंग, सीढिय़ां चढऩा या रस्सी कूदना आदि। मोटापे से ग्रसित लोगों को एक घंटे की एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। अगर किसी व्यक्ति के घुटनों में तकलीफ हो या डायबिटीज की वजह से रीढ़ की हड्डी में कोई दिक्कत हो तो ऐसे लोगों को साइक्लिंग और स्वीमिंग करने से परहेज करना चाहिए। जिन लोगों के घुटने में फ्रैक्चर हुआ हो वे सीढिय़ों का प्रयोग न करें।
हैल्दी आदतें अपनाएं
उम्र के प्रभाव और वंशानुगत रोगों पर तो हमारा बस नहीं है लेकिन अच्छी आदतों को अपनाकर इनसे जुड़े खतरे को कम किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि आप धूम्रपान न करें, भूख से ज्यादा न खाएं, संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें। हरी पत्तेदार सब्जियों को भोजन में शामिल करें। मैदा आदि के प्रयोग की बजाय साबुत अनाज जैसे गेहूं, ज्वार का इस्तेमाल करें। चीनी व नमक का प्रयोग कम से कम मात्रा में करें। रोजाना 7-8 घंटे की नींद जरूर लें। रात का भोजन जल्दी करें और थोड़ी देर वॉक करें। दफ्तर में आठ घंटे कुर्सी पर बैठे रहने के बजाय बीच-बीच में थोड़ा टहल लें। लिफ्ट की जगह सीढिय़ों का प्रयोग करें।