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फिंगरप्रिंट बताएगा भविष्य में होने वाली दांतों की बीमारी के बारे में

locationजयपुरPublished: May 18, 2019 04:02:44 pm

दांत से जुड़ी गंभीर बीमारियां जेनेटिक होती हैं और इन फिंगरप्रिंट का सीधा संबंध जीन से होता है।

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दांत से जुड़ी गंभीर बीमारियां जेनेटिक होती हैं और इन फिंगरप्रिंट का सीधा संबंध जीन से होता है।

बच्चों में होने वाली दांत की बीमारियों का पता अब बचपन में ही चल जाएगा। इसकी जानकारी बच्चे के फिंगरप्रिंट से ली जा सकेगी। यह जानकारी लखनऊ स्थित किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में किए गए एक शोध में सामने आई है। इस शोध के मुताबिक, दांत से जुड़ी गंभीर बीमारियां जेनेटिक होती हैं और इन फिंगरप्रिंट का सीधा संबंध जीन से होता है।

तीन तरह के होते हैं फिंगर प्रिंट –
फिंगरप्रिंट पैटर्न तीन प्रकार के होते हैं। इनमें ट्रू वर्ल, लूप्स और प्लेन आर्च हैं। अध्ययन में पाया गया है कि ट्रू वर्ल वाले बच्चों के दांत सामान्य जबकि लूप्स फिंगरप्रिंट वाले बच्चों का ऊपरी जबड़ा आगे की तरफ व प्लेन आर्च वाले बच्चों का निचला जबड़ा आगे की तरफ निकलता है।

बचपन के फिंगरप्रिंट कारगर –
बच्चों के दांत और जबड़े में बदलाव एक साल से लेकर वयस्क होने तक जारी रहता है। ऐसे में तीन-चार साल की उम्र में फिंगरप्रिंट लिए जाएं तो किशोरावस्था या वयस्क होने पर होने वाली दांत की बीमारियों का पता चल जाएगा। शोध 12 से 16 वर्ष की उम्र के 237 बच्चों पर किया गया है।

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