एंग्जाइटी में कुछ भी उल्टा-सीधा खाने की इच्छा होती है। खुद पर नियंत्रण करके चर्बी बढ़ाने वाली चीजों की बजाय पोषण देने वाली चीजें खाइए। ऐसी चीजें जिनमें विटामिन बी और ओमेगा-थ्री हो। साबुत अनाज जैसे गेहूं, ओट्स और राई इसका अच्छा विकल्प हैं। वैज्ञानिकों ने पाया है कि साबुत अनाज से मिला कार्बोहाइड्रेट फील गुड हार्मोन ‘सिरोटिन’ का स्तर नियंत्रित करके एंग्जाइटी व डिप्रेशन को कम करता है।
एंग्जाइटी का एक बड़ा कारण अनिंद्रा है। अच्छी नींद के लिए अपने तन और मन को संतुष्टि के स्तर तक थकाइए। कम से कम 7घंटे की नींद लें। लालच मत कीजिए क्योंकि अपनी नींद गंवाकर किसी को कुछ हासिल नहीं होता है।
सुलझने की कोशिश कीजिए और अपने आस-पास व दिमाग में जमा कचरा निकाल फेंकिए। चीजों और विचारों से मोह घटाएंगे तो परेशानियां कम होंगी, एंग्जाइटी भी उसी अनुपात में घटेगी।
भरपूर और गहरी सांस लेना एंग्जाइटी को कम करने के सबसे अच्छे तरीकों में से एक है। प्राणयाम करें तो बहुत ही अच्छा। छोटी और अनियंत्रित सांसों से एंग्जाइटी को बढ़ावा मिलता है। लंबी, गहरी सांस सुकून के साथ तनाव भी घटाती हैं।
बच्चों जैसे गुण विकसित कीजिए। इसके लिए बच्चों व पालतू जानवरों के साथ समय बिताइए। उनके साथ खेलिए, घूमने जाइए, बातें कीजिए। शांत रहिए –
बेचैनी पर काबू पाना है तो शांत रहने का कोई तरीका निकालना ही होगा। खुद को सबसे डिस्कनेक्ट कीजिए। कुछ देर मौन रहिए। रोजाना एक घंटे के लिए फोन व इंटरनेट से दूर रहें।
‘विजन बोर्ड’ बनाना अच्छा विकल्प है। अपने सपनों, लक्ष्यों या संकल्पों को कागज पर लिखिए और इसे दिन में कम से कम एक बार पॉजिटिव सोच के साथ पढ़िए। आप पिंटरेस्ट वेबसाइट पर पिन्सपिरेशन की मदद से ऑनलाइन ई-विजन बोर्ड बना सकते हैं।