सेंटर के विशेषज्ञों का कहना है कि साबुन या हैंडवाश को हाथ में अच्छे से लगा लें और फिर गर्म या ठंडे पानी से अच्छी तरह से रगड़कर धोएंं। हाथों को इस तरह रगड़ें कि अंगुलियों के आगे का हिस्सा (पोरे), नाखून के बाहर व अंदर का हिस्सा, अंगुलियों के बीच में और हथेली व पीछे की तरफ 20 सैकंड तक घुमाकर साफ करें। इसके बाद इसे अच्छी तरह से धोकर सुखाना भी चाहिए। हाथ सूखने के बाद पौंछें। सुनने में भले ही यह अजीब लगे लेकिन 2013 में जर्नल ऑफ एनवायर्नमेंट हैल्थ की एक रिसर्च में कहा गया था कि केवल पांच फीसदी लोग ही सही तरीके से हाथ धोते हैं जिससे बीमारी फैलाने वाले जम्र्स और बैक्टीरिया खत्म होते हैं।
विभिन्न अध्ययनों में भी कहा गया है कि हमारे हाथों में सैकड़ों ई-कोली बैक्टीरिया मौजूद रहते हैं। यह बैक्टीरिया पेट में कई तरह के घातक संक्रमण का कारण माना जाता है। यदि अच्छे से हाथ नहीं धोते हैं तो उसपर मौजूद ये बैक्टीरिया या जम्र्स हाथ को खुद के शरीर पर छूने से या दूसरे व्यक्ति से हाथ मिलाने-गले मिलने पर अपना संक्रमण दूसरी जगह आसानी से फैला देते हैं। इन्हीं हाथों को घर के दरवाजे, मोबाइल, कंप्यूटर या अन्य घरेलू चीजों को छूने से इनका संक्रमण दूसरों में होने का खतरा बढ़ जाता है। जम्र्स या बैक्टीरिया वाले हाथों से खाना खाने पर इनका संक्रमण शरीर में अंदर फैलकर बीमार करता है। हमारे देश में प्राचीन काल से कोई भी काम शुरू या खत्म करने के वक्त लंबे समय तक हाथ धोने की आदत शुमार रही है। तब साबुन वगैरहा तो थे नहीं और लोग मिट्टी या राख से हाथों को अच्छी तरह से मसलकर काफी देर तक धोते थे। घर-मोहल्ले से शौचालय से जुड़ी साफ-सफाई को लेकर केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान भी चला रखा है।