अनिद्रा सिर्फ शरीर को ही नुकसान नहीं पहुंचाती, बल्कि दिमागी गतिविधियों को भी प्रभावित करती है, यह कहना है यूनिवर्सिटी ऑफ मिन्नेसोटा के न्यूरोलॉजिस्ट का। ऐसे में यदि आप तन और मन दोनों को स्वस्थ बनाए रखना चाहते हैं तो आठ घंटे की नींद जरूर लें। कम सोने वालों का मेटाबॉलिज्म सामान्य नहीं रहता जिसके कारण उनमें बुढ़ापा जल्दी आने लगता है।
साथ ही इससे दिमाग में रक्तसंचार भी ठीक से नहीं होता लिहाजा इससे सोचने समझने और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है।
दरअसल हमारा दिमाग हर वक्त सक्रिय रहता है, जब हम सोते हैं तब यह सेरेब्रोसपिनाल नामक फ्लूड रिलीज करता है जो इसे आराम पहुंचाकर फिर से ऊर्जावान बनाता है।
इसके अलावा ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड द्वारा संपादित अन्य अध्ययन के अनुसार अनिद्रा के कारण दिमाग के कई हिस्सों जैसे फ्रंटो-टेम्पोरल और पेरिएटल एरिया को क्षति पहुंचती है। इससे याददाश्त और कुछ नया सीखने की क्षमता भी प्रभावित होती है।