जांच व इलाज : मेमोग्राफी, सोनोग्राफी, एमआरआई और बायोप्सी से जांच की जाती है। इसका इलाज विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार सर्जरी, रेडिएशन और कीमोथैरेपी से किया जाता है। सर्वाइकल कैंसर
इसे बच्चेदानी के मुंह का कैंसर भी कहा जाता है। हृयूमन पेपीलोमा वायरस से संक्रमण इसका प्रमुख कारण है। साथ ही धूम्रपान भी इसका कारण हो सकता है। माहवारी की अनियमितता, मासिक धर्म के दिनों के अलावा भी रक्त आना, रजोनिवृति के बाद पीरियड आना, शारीरिक संबंध के समय दर्द व रक्त स्राव होना, गंदा पानी आना, पेट के नीचे व कमर में दर्द रहना इस रोग के लक्षण हो सकते हैं।
इसे बच्चेदानी के मुंह का कैंसर भी कहा जाता है। हृयूमन पेपीलोमा वायरस से संक्रमण इसका प्रमुख कारण है। साथ ही धूम्रपान भी इसका कारण हो सकता है। माहवारी की अनियमितता, मासिक धर्म के दिनों के अलावा भी रक्त आना, रजोनिवृति के बाद पीरियड आना, शारीरिक संबंध के समय दर्द व रक्त स्राव होना, गंदा पानी आना, पेट के नीचे व कमर में दर्द रहना इस रोग के लक्षण हो सकते हैं।
जांच व इलाज :
स्क्रीनिंग से इस कैंसर का पूर्व और शुरुआती अवस्था में पता लगाना संभव है। इलाज सर्जरी व रेडियोथैरेपी से किया जाता है। जरूरत होने पर कीमोथैरेपी की जाती है। ओवेरियन कैंसर
बच्चेदानी के साथ दो अंडाशय होते हैं जो अंडाणु व हार्मोन बनाते हैं। इन अंडाशयों में होने वाले कैंसर को ओवेरियन कैंसर कहते हैं। लंबे समय तक पेट में भारीपन,अपच, गैस या खिंचाव महसूस होना इस कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। समय-समय पर जांच से अंडाशय में होने वाली रसौलियों का पता लगाकर उनके प्रकार के अनुसार इलाज शुरू होता है।
स्क्रीनिंग से इस कैंसर का पूर्व और शुरुआती अवस्था में पता लगाना संभव है। इलाज सर्जरी व रेडियोथैरेपी से किया जाता है। जरूरत होने पर कीमोथैरेपी की जाती है। ओवेरियन कैंसर
बच्चेदानी के साथ दो अंडाशय होते हैं जो अंडाणु व हार्मोन बनाते हैं। इन अंडाशयों में होने वाले कैंसर को ओवेरियन कैंसर कहते हैं। लंबे समय तक पेट में भारीपन,अपच, गैस या खिंचाव महसूस होना इस कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। समय-समय पर जांच से अंडाशय में होने वाली रसौलियों का पता लगाकर उनके प्रकार के अनुसार इलाज शुरू होता है।
जांच व इलाज :
सर्जरी व कीमोथैरेपी से उपचार किया जाता है। इसके इलाज के लिए अब एक नया ट्रीटमेंट टारगेटेड मॉलिक्यूलर थैरेपी का प्रयोग किया जाने लगा है। वसायुक्त खानपान व जंकफूड से दूर रहें और हरी सब्जियां खाएं। वजन को नियंत्रित रखें। नियमित व्यायाम करें क्योंकि वजन बढ़ने के कारण शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्राव ज्यादा होता है जिससे स्त्री जननांगों के कैंसर की आशंका बढ़ जाती है।
सर्जरी व कीमोथैरेपी से उपचार किया जाता है। इसके इलाज के लिए अब एक नया ट्रीटमेंट टारगेटेड मॉलिक्यूलर थैरेपी का प्रयोग किया जाने लगा है। वसायुक्त खानपान व जंकफूड से दूर रहें और हरी सब्जियां खाएं। वजन को नियंत्रित रखें। नियमित व्यायाम करें क्योंकि वजन बढ़ने के कारण शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्राव ज्यादा होता है जिससे स्त्री जननांगों के कैंसर की आशंका बढ़ जाती है।