एचपीवी वायरस है वजह –
स्त्री रोग विशेषज्ञ व लैप्रोस्कोपिक सर्जन के अनुसार गर्भाशय में कोशिकाओं की अनियमित वृद्धि सर्वाइकल कैंसर है। गर्भाशय में ह्यूमन पेपीलोमा वायरस के कारण यह 40 या अधिक उम्र की महिलाओं में ज्यादा होता है।
लक्षण – इस कैंसर की शुरुआती अवस्था को डिस्प्लेसिया कहते हैं जिसका इलाज संभव है। देरी होने पर यह पूरी तरह से कैंसर में बदलकर कार्सिनोमा कहलाता है। कुछ बदलावों से इसे पहचान सकते हैं जैसे पेट के निचले भाग व यूरिन करते समय तेज दर्द, पीरियड बंद होने के बाद भी दर्द, सफेद पानी निकलना, शारीरिक संबंध के बाद ब्लीडिंग व दर्द, भूख या वजन घटना आदि लक्षण हैं।
जांच व इलाज –
लक्षण दिखने पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए बायोप्सी, सीटी स्कैन व पैट स्कैन कराने की सलाह दी जाती है। इलाज कैंसर की स्टेज पर निर्भर करता है। इलाज के तहत सर्जरी, कीमोथैरेपी और रेडियोथैरेपी आदि दी जाती है।
ऐसे करें बचाव –
गर्भनिरोधक गोलियां डॉक्टरी सलाह से ही लेनी चाहिएं।
शारीरिक संबंध में जरूरी सावधानी बरतें।
स्मोकिंग और शराब से दूरी बनाएं।
जननांग की सफाई का ध्यान रखें व संक्रमण से बचाएं।
फैमिली हिस्ट्री होने पर जांच जरूर कराएं।