बच्चों के लिए सीवीडी सुरक्षा –
फिजिकल एक्टिविटी के जरिए निकला पसीना न केवल बच्चों की एकाग्रता व ध्यान बढ़ाता है बल्कि इससे उनका विकास अच्छी तरह होता है। वे अनचाही कमजोरी, बढ़ते वजन से दूर रहते हैं और उन्हें बीमारियां नहीं सताती। इस उम्र के बच्चों और युवाओं को हर रोज कम से कम 60 मिनट तक कोई न कोई शारीरिक क्रिया/फिजिकल एक्टिविटी जरूर करनी चाहिए। शहरीकरण ने बच्चों का बहुत नुकसान किया है। ऐसे में अभिभावकों की जिम्मेदारी बनती है कि बच्चों को आउटिंग के लिए लेकर जाएं, उन्हें साइकिल चलाने के लिए प्रोत्साहित करें। बचपन में की गई दौड़-भाग वाली फिजिकल एक्टिविटीज अगर वयस्कता तक जारी रहें तो आगे के 40-50 साल के जीवन में सीवीडी और स्ट्रोक का खतरा कम हो जाता है।
वयस्कों के लिए सीवीडी सुरक्षा –
वयस्कों को यदि सीवीडी से बचना है तो प्रति सप्ताह कम से कम 150 मिनट की हल्की या 75 मिनट की तेज शारीरिक क्रियाएं करनी चाहिए। ऐसा करने पर ही वयस्कों में हाई ब्लड प्रेशर, कोरोनरी हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और टाइप-2 डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है। वयस्कों के लिए फिजिकल एक्टिविटी का मतलब सिर्फ कोई खेल खेलने तक सीमित नहीं है। वे वॉकिंग, घर के काम, डांस और व्यायाम जैसी गतिविधियों के जरिए कैलोरी खर्च कर खुद को फिट रख सकते हैं।
मध्यम तीव्रता की शारीरिक क्रियाएं –
इस श्रेणी में वॉकिंग, डांसिंग, बागवानी, घर के काम करना आदि शामिल होते हैं।
तीव्रता भरी शारीरिक क्रियाएं –
इस श्रेणी में दौड़ना, साइकिल चलाना, तैरना और आउटडोर खेलों में सक्रिय भाग लेना आदि शामिल होते हैं।
बुजुर्गों के लिए सीवीडी सुरक्षा –
यदि आप पहले से कोई शारीरिक क्रिया नहीं कर रहे हैं तो छोटे रूप में शुरू कीजिए और फिर धीरे-धीरे अपना समय क्षमता के अनुसार बढ़ाएं। किसी भी तरह की समस्या आने पर एक्सपर्ट या डॉक्टरी सलाह जरूर लें।