शीतावस्था : इसमें हल्के बुखार के साथ तेज सर्दी लगती है व रोगी को 2-3 कंबल या रजाई ओढ़ने की जरूरत महसूस होती है।
ऊष्णावस्था : इसमें बुखार 100-105 डिग्री फारेहनाइट तक हो जाता है। रोगी को तेज गर्मी व जलन महसूस होती है।
स्वेदावस्था : इसमें तेज बुखार चढ़ने के बाद स्वयं घटने लगता है व मरीज पसीने से तर-बतर हो जाता है। साथ ही सिरदर्द, उल्टी, थकान जैसे लक्षण भी होते हैं। समस्या ज्यादा गंभीर होेने पर जान को खतरा भी हो सकता है।
औषधीय प्रयोग –
250 मिली. पानी में 10-12 ग्राम चिरायता, 3-4 ग्राम दालचीनी व 3-4 लौंग डालकर उबालें। 60 मिली. रहने पर दिन में तीन बार 20-20 मिलिलीटर लें। 200 मिली. पानी में 5-6 तुलसी के पत्ते, 1-2 लौंग व 3-4 कालीमिर्च डालकर उबालें। 1/4 रहने पर 1 चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम 3 4 दिन पिएं।