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जानेंं, समझें और जांचें दिल की हर हरकत

locationजयपुरPublished: Jun 19, 2019 10:20:05 am

Submitted by:

Jitendra Rangey

हृदय रोगों में सबसे आम समस्या है धमनियों में ब्लॉकेज होना। यह हृदय रोग की गंभीरता को बढ़ाती है। जानिए हृदय से जुड़ी बीमारियोंं, जांचों और परेशानियों का सबब बनने वाली आदतें।

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हृदय की प्रमुख बीमारियां
कोरोनरी हार्ट डिजीज : धमनियों में ब्लॉकेज के कारण रक्तसंचार बाधित होना।
लक्षण : सीने में दर्द होना प्रमुख है। इसके अलावा सीने में जलन, ऐंठन, धड़कनों का तेज होना, सांस असामान्य होना, पसीना आना व उल्टी आने का अहसास होना।
अरिद्मिया : धड़कनों का असामान्य होना।
लक्षण: सीने पर तेज प्रहार होने जैसा महसूस होना, बेहोशी छाना, छोटी-छोटी सांस आना, कमजोरी लगना।
हार्ट अटैक : धमनियों में ब्लॉकेज होने से हृदय में खून की सप्लाई बंद होना। ऑक्सीजन की कमी।
लक्षण: छाती में बाईं ओर तेज दर्द, पसीना आना, सांस लेने में तकलीफ व चक्कर आना।
हार्ट इंसफिशिएंसी : इसका मतलब हार्ट का काम बंद कर देना नहीं बल्कि शरीर की जरूरत के अनुसार हृदय का पर्याप्त मात्रा में रक्त पंप न कर पाना।
लक्षण: छाती में दर्द के मुकाबले सांस अधिक फूलती है। इसके अलावा हाथ, पैर और पेट में सूजन होना।
हार्ट वॉल्व डिजीज : रक्तसंचार को नियंत्रित करने वाले वॉल्व का काम न करना।
लक्षण : सांस का असामान्य होना खासकर जब आप लेटे हों या ठंडी हवा के संपर्क में आने पर सीने पर दबाव या भारीपन महसूस होना, बेहोशी व कमजोरी।
ये जांचें हैं जरूरी
कोलेस्ट्रॉल : हृदय रोग का बड़ा कारण है शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढऩा। ब्लड सैंपल लेकर इसकी जांच करते हैं। शरीर मेंं ट्राइग्लिसराइड, एलडीएल व एचडीएल का कुल स्तर 200 एमजी/डीएल से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
ईसीजी: यह दर्दरहित टैस्ट है। हृदय रोग की आशंका होने पर मरीज की छाती, भुजाओं और पैरों की त्वचा पर छोटे इलेक्ट्रोड पैच लगाकर दिल की इलेक्ट्रिक एक्टिविटी को रिकॉर्ड करते हैं।
ईकोकार्डियोग्राम : हार्ट की मांसपेशियों, वॉल्व की स्थिति और हृदय रोगों के खतरे के आकलन के लिए अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल किया जाता है।
स्ट्रेस टैस्ट : मरीज के शरीर पर इलेक्ट्रोड लगातार ट्रेडमिल या साइक्लिंग वर्कआउट कराते हैं। इस दौरान हार्ट रेट व बीपी पर नजर रखी जाती है।
एंजियोग्राफी : एक पतली कैथेटर को मरीज के हाथ या पैर की रक्त नलिका में डालकर एक्सरे मशीन से हार्ट की कार्यक्षमता का पता लगाते हैं।
परेशानी का सबब ये आदतें
अनिद्रा : कम से कम 7 घंटे सोने से हृदय की धमनियों की कार्यक्षमता बढ़ती है।
बीपी : उच्च रक्तचाप धमनियों को ब्लॉक करता है। जिससे कई बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
डायबिटीज : यह दिल को कमजोर करती है। पीडि़त शुगर लेवल नियंत्रित करें व सामान्य लोग सावधानी बरतें।
बढ़ता वजन : फैट से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है जो हार्ट अटैक का कारण बनता है। ट्रांस फैट सर्वाधिक नुकसान पहुंचाता है। पांच साल में एक बार कोलेस्ट्रॉल की जांच जरूर कराएं।
तनाव व बुरी आदतें: तनाव का सीधा रिश्ता दिल की सेहत से है। इससे जितना हो सके दूर रहें।
स्मोकिंग : इससे धमनियां सिकुड़ती हैं जिससे रक्तसंचार बाधित होता है और हृदय रोगों का खतरा बढ़ता है।
शराब : यह हृदय की मांसपेशियों को कमजोर करती है जिससे हृदय रक्त पंप नहीं कर पाता।
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