लिवर का काम
इसका मुख्य काम पाचन और शरीर की सुरक्षा है। लिवर में कई प्रकार के एंजाइम्स होते हैं जो भोजन को पचाने में मदद करते हैं। लिवर पोषक तत्वों को हार्ट और शरीर के हर हिस्से तक पहुंचाता है। पाचन क्रिया के दौरान शरीर में अमोनिया गैस बनती है जिसेे लिवर यूरिया में बदलकर यूरिन के रास्ते बाहर निकालता है। लिवर एल्बुमिन नामक प्रोटीन बनता है जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है। इसकी कमी से सूजन होती है। यह दवाओं को सही जगह भी पहुंचाता है।
नुकसान पहुंचाने वाली 5 आदतें
शराब पीने की आदत से हेपेटाइटिस और सिरोसिस की आशंका बढ़ जाती है। मोटापे से 10-15 फीसदी तक लिवर रोग होते हैं। इसे नॉन अल्कोहलिक हेेपेटाइटिस कहते हैं। असुरक्षित संबंध से हेपेटाइटिस बी और सी की आशंका रहती है।
बाजार में शेविंग के लिए जाते हैं तो ब्लेड व रेजर नया होना चाहिए। संभव हो तो रेजर अपना ही लेकर जाएं। हाइजीनिक फूड न लेने से फैटी लिवर व लिवर एप्सिस की आशंका होती है।
लक्षण और जांचें
भूख न लगना, खाने के बाद लिवर वाले हिस्से में दर्द, वजन कम होना, पेट में मरोड़ रहना, गैस बनना, डकारें आना, खाना न पचना, शरीर पीला पडऩा, सफेद स्टूल, शरीर में खुजली। कुछ लोगों में लक्षण नहीं दिखते हैं। इसकी पहचान के लिए एलएफटी, सीबीसी, लिपिड प्रोफाइल, अल्ट्रासाउंड, हेपेटाइटिस और ऑटोइम्युन मार्कर टेस्ट जरूरी है।
जीवनशैली में बदलाव
पानी पर्याप्त पीएं। इससे फैटी लिवर में बचाव होता है। सोडा-सॉफ्ट ड्रिंक्स, चाय लेने से बचें। बार-बार स्नैकिंग करें। चार बिस्किट में 100 कैलोरी, इसे पचाने लिए 6 किमी चलना होगा। डाइट में एक-एक तिहाई हिस्सा सलाद, ठोस भोजन और लिक्विड का हो। व्यायाम से मेटाबोलिज्म सही रहेगा। नियमित 6-8 घंटे तक की नींद लें।