अगर इंसान दुनिया की हर चीज से प्यार करने लगता है तो उसकी सेहत में भी सकारात्मक बदलाव आने लगता है। जब आप खुश होते हैं तो डोपामिन, नॉर-एपिनेफ्रिन और फिनाइल इथाइल एमिन नामक हार्मोन्स खून में शामिल होते हैं। डोपामिन से परम सुख की भावना पैदा होती है। डोपामिन हार्मोन ऑक्सीटोसीन के स्राव को भी उत्तेजित करता है जो इंसान में आत्मविश्वास बढ़ाता है। नॉर-एपिनेफ्रिन आपके मन को उल्लास से भर देता है।
तनाव कम होता है
अगर आप किसी के प्यार में होते हैं तो शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता भी अच्छी बनी रहती है, क्योंकि जब आप किसी के साथ रिलेशनशिप में होते हैं तो आपका शरीर फील गुड हार्मोंस पैदा करता है। इसके कारण आपका मूड अच्छा रहता है और आप बीमारियों से दूर रहते हैं। इस स्थिति में आप ज्यादा कूल और पॉजिटिव होते हैं। इससे आपको तनाव कम होता है और आप डिप्रेशन से दूर रहते हैं।
बीमारियों से रहते हैं दूर
जब आप किसी के सच्चे प्यार या अच्छी रिलेशनशिप में होते हैं तो आपके अंदर विश्वास की भावना तेजी से बढ़ती है। इससे फीलिंग्स को शेयर करने की भावना आती है। जब आप रिलेशनशिप से खुश होते हैं तो आपकी परफॉर्मेंस भी अच्छी होती है और आप क्रिएटिविटी भी दिखा पाते हैं। इसी तरह मजबूत संबंध में लड़ाई नहीं होती, क्योंकि आप समस्याओं का हल लडक़र नहीं, बल्कि बातचीत करके निकालते हैं।
सेहत में होता है सुधार
रिलेशनशिप के दौरान आपका एटीट्यूड पॉजिटिव होता है, आप खुद में एक सहजता पाते हैं। इससे आपके शरीर में रक्त का संचार भी ठीक रहता है। खुशी की वजह से तनाव जैसी समस्या भी नहीं होती। जब आपका रक्त संचार ठीक होता है तो आपको ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम भी नहीं होती है। खुशी और प्यार के कारण आपके मन में सकारात्मक विचार चलते रहते हैं और इससे नकारात्मक ऊर्जा खत्म होने लगती है। इससे आप हमेशा तन और मन से प्रसन्न रहते हैं।
खुशी और प्यार के कारण आपके मन में सकारात्मक विचार चलते रहते हैं और इससे नकारात्मक ऊर्जा खत्म होने लगती है। इससे आप हमेशा तन और मन से प्रसन्न रहते हैं।