मौमोग्राफी की सलाह 40 साल से कम उम्र की महिलाओं के लिये नहीं दी जाती है। ऐसा इसलिये है क्योंकि उम्रदराज महिलाओं की अपेक्षा युवा महिलाओं में स्तन की कोशिकायें सघन होती हैं और मैमोग्राम में वे एक सफेद, सघन क्षेत्र के रूप में दिखती हैं। चूँकि स्तन कैंसर भी सफेद दिखता है तो इस जाँच प्रक्रिया के माध्यम से स्तन कैंसर को पहचानना मुश्किल हो जाता है। हलाँकि, स्तन कैंसर ज्यादातर 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में काफी सामान्य रूप से देखा गया है, और इसलिये, 50 से 75 वर्ष की महिलाओं को मैमोग्राफी करानी चाहिये।
ये ध्यान रखें
जांच वाले दिन महिलाएं पाउडर, डियो, परफ्यूम, बॉडी लोशन या किसी प्रकार के तेल व कॉस्मेटिक का इस्तेमाल न करें। इससे रिपोर्ट प्रभावित हो सकती है।
कब कराएं यह जांच
40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं दो साल में एक बार इसे करा सकती हैं।
पहले कभी मां या बहन को ब्रेस्ट से जुड़ी दिक्कत हुई हो।
बीआरसीए-1 जीन में गड़बड़ी पर।
30 साल से कम उम्र में रेडिएशन थैरेपी हो चुकी हो।
ब्रेस्ट में गांठ या इसके साइज में बदलाव आ रहा हो।
निप्पल अंदर की तरफ धंस रहा हो या इससे ब्लड या गंदा पानी निकल रहा हो।